गरियाबंद
सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद, नाराज किसानों का सडक़ जाम
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा-राजिम, 4 अक्टूबर। गंगरेल से पानी छोडऩे के बाद शनिवार सुबह से महानदी का जलस्तर बढऩे लगा। जिसके चलते तटीय इलाकों में बाढ़ आ गई है। वहीं गई गांवों से संपर्क भी टूट गया है।
इसी बीच नवापारा क्षेत्र से ग्राम दुलना एनीकेट को बंद कर दिए जाने के बाद बाढ़ का पानी नाले के रास्ते खेतों में भर गया है। जिससे अनेक किसानों के सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद होने के कगार पर है। फसलें डूब जाने से गुस्साए किसानों ने सडक़ जाम कर दिए। धमतरी और रायपुर जिले के सैकड़ों किसान सडक़ पर बैठकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।
मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन और पुलिस विभाग की टीम मौके पर पहुंची और किसानों को समझाने का प्रयास किए। गुस्साए किसान अपनी मांगों को लेकर अड़े रहे। किसानों के अनुसार, बाढ़ के पानी में उनकी सैकड़ों एकड़ धान की फसल बर्बाद हो गई है। धान की फसल पकने की कगार पर है। उनकी फसल पानी में डूबने से उसके खराब होने का ख़तरा बढ़ गया है। किसानों ने प्रशासन से फसल नुकसान के लिए मुआवज़े की मांग कर रहे हैं।

बता दें कि प्रदेश में पिछले दो दिनों से बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर है। वहीं कई गांवों की सीमा से संपर्क भी टूट गया है। नवापारा का त्रिवेणी संगम लबालब हो गया है।
नवापारा शहर में सुबह से ही जलस्तर बढऩे लगा। नदी का पानी निचले बस्तीयों में घुस गया। जिसे देखते हुए लोगों ने अपने-अपने घरों से सामानों को बाहर निकालने लगे। शहर के सोमवारी बाजार, तिरंगा चौक, देवार पारा आदि मोहल्लों के कई घरों में जलभराव हो गया है।


