गरियाबंद

दो दिनी प्रशिक्षण, विभिन्न विषयों पर जानकारी दी
30-Sep-2025 4:42 PM
दो दिनी प्रशिक्षण, विभिन्न विषयों पर जानकारी दी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 30 सितंबर।  गरियाबंद वन मंडल में दो दिवसीय आधारभूत प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन नीलाम हॉल गरियाबंद में वनमंडलाधिकारी ससिगानंदन की उपस्थिति में कार्यपालिक अमलों को वानिकी कार्यों, वन अपराधों की जांच, और न्यायालयीन प्रक्रियाओं में दक्षता के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।

सभी उप वनमंडलाधिकारी वन परिक्षेत्र अधिकारी और उनके अधीनस्थ कर्मचारियों ने इस प्रशिक्षण में भाग लिया। जो पदस्थ डीएफओ ससिगानंदन ने अंत में सभी कर्मचारियों से उनके अनुभव साझा किया और उनके सवालों के जवाब दिए। यह कार्यक्रम वन विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाने और वन एवं वन्यजीवों के संरक्षण को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वनमंडलाधिकारी ससिगानंदन ने बताया, इस दो दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन वन अपराधों, उनकी जांच और न्यायालयीन प्रकरणों में कर्मचारियों को निपुण करने के लिए किया गया है। आज पहले दिन वन अपराधों और जांच प्रक्रियाओं पर विस्तृत चर्चा हुई, जबकि दूसरे दिन तकनीकी और व्यावहारिक प्रशिक्षण पर फोकस होगा। प्रशिक्षण में लगभग 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों की भागीदारी रही।पहले दिन वन अपराधों और जांच पर केंद्रित सत्र आज का प्रशिक्षण मुख्य रूप से वन अपराधों, जांच और कानूनी प्रक्रियाओं पर केंद्रित रहा। वाहन जब्ती एवं राजसात प्रक्रिया पर विस्तृत जानकारी मनोज कुमार चन्द्राकर, उप वनमंडलाधिकारी, देवभोग ने दी वाहनों की जब्ती और राजसात की कानूनी प्रक्रिया को उन्होंने विस्तार से समझाया। सर्च वारंट का क्रियान्वयन विषय पर राकेश चौबे, उप वनमंडलाधिकारी, गरियाबंद ने प्रक्रिया पर व्याख्यान दिया। उन्होंने कानूनी प्रावधानों का पालन करने की महत्ता पर बल दिया। विकास चन्द्राकर, उप वनमंडलाधिकारी, राजिम ने वन्यजीव अपराधों की जांच और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत कोर्ट प्रक्रियाओं पर जानकारी दी। नदीम कृष्ण बरिहा, वन परिक्षेत्र अधिकारी, गरियाबंद ने वन अपराधों की पहचान, सबूत संग्रह, और समयबद्ध विवेचना की बारीकियों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने जोर दिया कि सटीक जांच से दोषियों को सजा सुनिश्चित की जा सकती है। श्री बरिहा ने बीट क्षेत्रों के निरीक्षण की तकनीकों पर चर्चा की, जिसमें वन क्षेत्रों की निगरानी और नियमित रिपोर्टिंग शामिल थी।श्री बरिहा ने रात्रिकालीन गश्त, फर्नीचर मार्ट और बैरियर चेकिंग की रणनीतियों पर प्रशिक्षण दिया।


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