गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
मैनपुर 24 सितंबर। सोमवार से शारदीय नवरात्र शुरू हो चुका है और समापन 1 अक्टूबर महानवमी के दिन होगा। सोमवार को जगह-जगह पंडालों में मां भवानी के विराजमान होते ही चहुंओर देवी आस्था की हिलोरे उमडऩे लगीं। दर्शन के लिए भक्त उमड़े।
पंचांग के मुताबिक, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्र शुरू होते हैं। पं. योगेश शर्मा के अनुसार, इस बार नवरात्र 10 दिनों की रहने वाली है, 11वें दिन दशहरा मनाया जाएगा। नवरात्र वर्ष में चार बार पड़ती है- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन। नवरात्र के आने से वातावरण के तमस का अंत होता है और सात्विकता की शुरुआत होती है। इस दौरान मन में उल्लास, उमंग और उत्साह की वृद्धि होती है।
दुर्गा मंच मैनपुर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापना की गई। भाटीगढ़ पैरी मां के पुजारी हरिश्चंद्र नेगी ने बताया- मां पैरी भाटीगढ़ पहाड़ पर स्थित है और नवरात्रि के दौरान उनकी पूजा-अर्चना की जाती है। भक्तों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र है। इसके अलावा कई अन्य जगहों पर भी दुर्गा मां के भव्य पंडाल सजाए जाते हैं, जहां भक्त देवी मां के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। भाटीगढ़ मंदिर भक्तों के लिए आस्था का एक प्रमुख केंद्र है। नवरात्रि पर मैनपुर में देवी दुर्गा के भव्य और आकर्षक पंडाल सजाए जाते हैं।
भक्त इन पंडालों में देवी मां की प्रतिमा के दर्शन करते हैं। दुर्गा मंच फॉरेस्ट दुर्गा मंदिर भाटीगढ़ पैरी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। देवी मंदिरों में मनोकामनाएं ज्योति कलश भी जलाए गए। भाटीगढ़ पैरी मंदिर में 103, फॉरेस्ट दुर्गा मंदिर में 146, दुर्गा मंच मैनपुर में 131 ज्योति कलश जलाए गए हैं।


