गरियाबंद

सरलता, सच्चाई व ईमानदारी-उत्तम आर्जव धर्म है-प्रिंस भैयाजी
01-Sep-2025 4:37 PM
सरलता, सच्चाई व ईमानदारी-उत्तम आर्जव धर्म है-प्रिंस भैयाजी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नवापारा राजिम, 1 सितंबर। जैन भवन में सामूहिक पूजन एवं अभिषेक का कार्यक्रम उत्साह पूर्वक संपन्न हुआ। आज सुबह से भक्तों ने अभिषेक के उपरांत देव-शास्त्र-गुरु, सोलहकारण, पंचमेरु, दसलक्षण पूजन कर अर्घ अक्षत अर्पित किए गए।

प्रिंस भैयाजी ने प्रवचनों में बताया कि व्यक्ति बहरूपिया हो चुका हैं। वह दिखता कुछ और है, दिखाता कुछ और व होना कुछ और चाहता है। उत्तम आर्जव धर्म का अर्थ है हृदय की सरलता, कपट और मायाचार का अभाव। जो मन, वचन और कर्म में एकरूपता रखने पर जोर देता है, अर्थात जो मन में हो वही वचन में कहा जाए और वही कार्य किया जाए। इस धर्म के पालन से जीव का कल्याण होता है, क्योंकि यह जीवन में सच्चाई, विश्वास और ईमानदारी लाता है। आत्मा का स्वभाव सरल ही होता है, लेकिन मायाचार के कारण वह टेढ़ापन अपना लेता है। आर्जव धर्म आत्मा को उसके स्वाभाविक सरल स्वभाव में वापस ले जाने का मार्ग है।  कपटपूर्ण विचारों को त्यागने से ईमानदारी का गुण प्राप्त होता है, जो अनंत विश्वास और ज्ञान का प्रतीक है। यह धर्म पापों का नाश करके सुख और आनंद की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है। जैन भवन कार्यक्रम में शांतिधारा का सौभाग्य रमेश, अशोक, अरेंद्र, कमल, सौरभ, आलोक, अंकित, अंकुर, भविष्य, चिराग,पराग, दक्ष,अनविक, पहाडिय़ा परिवार, राजकुमार रवि वीर वीरा परिवार, श्री शान्तिनाथ जिनालय में शांतिधारा करने का सौभाग्य आशीष नीरज हार्दिक गंगवाल परिवार।  श्री पाश्र्वनाथ जिनालय में शांतिधारा करने का सौभाग्य संजय प्रफुल्ल पाटनी परिवार, अनिल अंकित अनुज चौधरी परिवार एवं प्रथम 4 कलश अभिषेक का सौभाग्य रविंद्र रितेश ऋतिक सिंघाई, प्रकाश अंकित गदिया, मनीष अक्षत वंश, प्रदीप सिंघई परिवार को प्राप्त हुआ। पर्व पर धर्ममय वातावरण का सभी लाभ ले रहे हैं।


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