गरियाबंद
पार करते बाइक सवार बहा, मानव श्रृंखला और रस्सी के सहारे ग्रामीणों ने बचाई जान
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 23 अगस्त। तेल नदी रपटा पर बारिश का पानी का अचानक तेज बहाव आया और पार करते एक बाइक सवार बह गया। ग्रामीणों ने मानव श्रृंखला और रस्सी के सहारे उसकी जान तो बचा ली, लेकिन बाइक, मोबाइल और नगदी धारा में समा गए। यह हादसा कोई पहला नहीं है—सुखा तेल नदी पर अधूरे पड़े पुलिया की वजह से ऐसे खतरे रोज़ यहां के लोगों को झेलने पड़ रहे हैं।
आज़ादी के 79 साल बाद भी अमलीपदर क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं से वंचित है। सुखा तेल नदी पर प्रस्तावित पुलिया इसका ज्वलंत उदाहरण है। 7 करोड़ 40 लाख रुपये की स्वीकृति मिलने के बावजूद एमजी एसोसिएट्स नामक कंपनी चार साल में एक पिलर भी नहीं खड़ा कर पाई। जब जनता की आवाज़ उठी तो कंपनी को ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया। इसके बाद भी विभाग और सरकार ने केवल आश्वासन ही दिया। पहले कहा गया था कि डेढ़ साल में पुलिया तैयार हो जाएगा, फिर टेंडर प्रक्रिया का हवाला दिया गया और अब हर बार वही बयान सुनने को मिलता है—बारिश के बाद काम शुरू होगा।
ग्रामीणों का दर्द किसी से छिपा नहीं। अमलीपदर-धुरवागुड़ी मार्ग, जिसे लोग ‘लाइफलाइन’ कहते हैं, बरसात में मौत का रास्ता बन जाता है। मासूम बच्चों को ट्रैक्टर पर बैठाकर या गोद में उठाकर नदी पार कराया जाता है। तीन साल पहले एक ग्रामीण की इसी नदी में डूबकर मौत हो चुकी है।
हाल ही में पूर्णचंद्र साहू की बाइक, 12 हजार रुपये और मोबाइल नदी में बह गए, हालांकि ग्रामीणों ने उनकी जान बचा ली। कई बार शिक्षक और बच्चे हादसों से बाल-बाल बचे हैं।
इस पुलिया को लेकर क्षेत्र में कई बार धरना-प्रदर्शन, भूख हड़ताल और चक्का जाम हो चुके हैं। एसडीएम से लेकर कलेक्टर और मंत्रियों तक आवेदन दिए गए, लेकिन हर बार नतीजा शून्य रहा। आज हालात यह हैं कि पुलिया न होने के कारण आपात स्थिति में ग्रामीणों को 16 किलोमीटर लंबा चक्कर काटकर रायपुर मार्ग से गुजरना पड़ता है। मरीज हो या गर्भवती महिला—हर किसी की जिंदगी रोज़ खतरे में डाली जा रही है। इस बीच सरकार और विभाग केवल चेतावनी बोर्ड लगाकर पल्ला झाड़ रहे हैं।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तुलसीदास मरकाम का कहना है कि सचेत बोर्ड लगा हैं। ज्यादा पानी होने पर नदी पर नहीं करना चाहिए, बीते वर्ष की तरह अधिक पानी होने पर पुलिस की ड्यूटी लगाई जाएगी । वहीं उन्होंने कहा कि पुल निर्माण की टेंडर प्रक्रिया अधीन हैं। अगले वर्ष पुल बनने की संभावना कहा गया।


