गरियाबंद
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
नवापारा राजिम, 21 अगस्त। क्षेत्र में सावन माह के बाद वायरल फीवर के मरीजों में इजाफा हुआ है। बुखार के संक्रमण के साथ नाक बहने एवं गले में खराश की शिकायत देखी जा रही है। इलाज में देरी से खासी की समस्या भी बढऩे लगी है।
नवापारा नगर के सभी प्रमुख अस्पतालों में मरीजों को संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। विशेषज्ञों की माने तो मौसम में अचानक परिवर्तन एवं एक ही दिन में तीन चार बार तापमान में बदलाव मौसमी बुखार का मुख्य कारण है। संक्रमण का असर बच्चों में ज्यादा देखा जा रहा है। परिणामस्वरूप कई छोटे बच्चे स्कूलों से छुट्टी लेकर घर में आराम कर रहे है। नगर के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ के.आर. सिन्हा ने बताया कि मौसमी वायरल बुखार का असर चार से पांच दिनों तक रह सकता है। मरीजों में बुखार के साथ गले में इन्फेक्शन एवं खासी की शिकायत देखी जा रही है। डॉ सिन्हा ने बताया कि खराश के मरीज घरेलू उपचार के रूप में तुलसी पत्ता युक्त काढ़ा का सेवन करे। बुखार,सर्दी एवं गले में खराश को स्थिति में विशेषज्ञ चिकित्सक से सलाह लेकर दवाई ले। संक्रमित बुखार के अतिरिक्त भी अन्य बुखार के ग्रसित हो सकते है। लिहाजा मनमर्जी दवाई लेने से परहेज करे। घर का बना गरम भोजन खाए। पानी उबालकर पीए। विशेषज्ञ चिकित्सक एवं जानकारों का मानना है कि संक्रमण का असर माह सितंबर के प्रथम सप्ताह तक प्रभावी रह सकता है।


