गरियाबंद

एनएचएम कर्मियों की कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल
17-Aug-2025 9:36 PM
एनएचएम कर्मियों की कल से अनिश्चितकालीन हड़ताल

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 17 अगस्त । छत्तीसगढ़ प्रदेश एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अमित कुमार मिरी, प्रदेश महासचिव कौशलेश तिवारी, डॉ रविशंकर दीक्षित, पूरन दास, हेमंत सिन्हा,प्रफुल्ल कुमार, गरियाबंद जिला अध्यक्ष अमृत राव भोंसले ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि  सरकार के बेरुखी एवं अडिय़ल रवैया से परेशान कर्मचारियों ने इस बार आंदोलन को अनिश्चित कालीन करने का निर्णय लिया है।

जिला अध्यक्ष अमृत राव भोसले द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि 15 अगस्त 2025 को सरकार की ओर से मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे नाराज कर्मचारी 18 अगस्त से प्रदेशभर के 16,000 से अधिक एनएचएम कर्मचारी अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार एवं काम बंद,कलमबंद हड़ताल करेंगे।

 इस बार संघ ने  एसएनसीयू (विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई) सहित आपातकालीन सेवा भी बंद रहेगा। आपातकालीन सेवाओं को भी पूर्णत: बंद रखने का निर्णय लिया है। इस संबंध में संघ द्वारा शासन को पूर्व में ही सूचना दे दी गई है।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) कर्मचारियों की प्रमुख मांगे:जिसमें संविलियन/स्थायीकरण ,  पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना ,  ग्रेड पे का निर्धारण ,कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में पारदर्शिता , लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि ,  नियमित भर्ती में सीटों का आरक्षण ,अनुकम्पा नियुक्ति ,  मेडिकल एवं अन्य अवकाश की सुविधा ,  स्थानांतरण नीति, न्यूनतम 10 लाख कैसलेश चिकित्सा बीमा।

20 वर्षों की सेवा, फिर भी उपेक्षा

एनएचएम कर्मचारी विगत 20 वर्षों से प्रदेश के सुदूर अंचलों से लेकर प्रमुख शासकीय संस्थानों में स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ बने हुए हैं। कोविड-19 महामारी जैसे संकट में भी इनकी भूमिका अतुलनीय रही इसके बावजूद, आज भी उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है, जबकि अन्य राज्यों में इसी मिशन के कर्मचारियों को बेहतर सुविधाएं प्राप्त हैं।

राजनीतिक समर्थन और अब की उपेक्षा

संघ के प्रदेश प्रवक्ता: पूरन दास ने बताया कि मौजूदा सरकार के कई वरिष्ठ नेता – जैसे- विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा,वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी व वन मंत्री केदार कश्यप* सहित बड़े नेताओ ने – पूर्व में एनएचएम कर्मचारियों के मंचों पर आकर समर्थन देते रहे हैं।

छत्तीसगढ़ में चुनाव घोषणा पत्र

मोदी की गारंटी में नियमितीकरण का वादा भी किया गया था। बावजूद इसके, पिछले 20माह में 160 से अधिक बार ज्ञापन व आवेदन देने के बाद भी सरकार की ओर से कोई समाधान नहीं निकल पाया।

चेतावनी: स्वास्थ्य सेवाएं होंगी प्रभावित

अब कर्मचारी आंदोलन के लिए बाध्य हैं। सरकार से आग्रह है कि वह तत्काल संवाद स्थापित करे, जायज़ मांगों पर निर्णय ले, अन्यथा छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह बेपटरी हो सकती हैं, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी।


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