गरियाबंद

पूर्वजों की जमीन से बेदखल नागेश परिवार...
14-Jul-2025 7:59 PM
पूर्वजों की जमीन से बेदखल नागेश परिवार...

चार साल से तहसील, कलेक्टर से बंदोबस्त त्रुटि सुधार की मांग,  प्रशासन से नाकाम, परिवार सहित भूख हड़ताल पर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

गरियाबंद, 14 जुलाई। जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेरेट के सामने अमलीपदार तहसील क्षेत्र के खरीपथरा गांव के मुरहा नागेश परिवार अपने पूर्वजों के समय से काश्त कर रहे भूमि पर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले नागेश परिवार को विगत चार वर्ष पूर्व नागेश परिवार की जमीन को कुछ परिवार दबाव बनाकर काश्त भूमि से बेदखल किए जाने से आर्थिक परेशानियों जूझ रहे नागेश परिवार बंदोबस्त त्रुटि सुधार के लिए  लगातार तहसील, जिला कार्यालय का आज चार साल से चक्कर काट रहे परिवार को प्रशासन से  कोई राहत नहीं मिला। प्रशासन के रवैये से हताश निराश हो न्याय की मांग को लेकर  मुरहा नागेश परिवार अपने पत्नी ,तीन छोटे बच्चों के साथ कलेक्ट्रेट के सामने फांसी का फंदा लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए। समाचार लिखे जाने तक भूख हड़ताल जारी रहा ।

कलेक्ट्रेट के सामने  आज एक मार्मिक दृश्य देखने को मिला, जब खरीपथरा गांव के मुरहा नागेश अपनी पत्नी और तीन छोटे बच्चों के साथ कलेक्टोरेट के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गया। इनकी 7.50 एकड़ पुश्तैनी जमीन पर कथित रूप से गांव के ही एक रसूखदार ने कब्जा कर लिया है। कई सालों से कलेक्टर, तहसील, राजस्व विभाग तक दौडऩे के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। हालांकि 5 जून 2025 को प्रशासन ने इन्हें वापस दिलवा दिया था मगर 15 दिनों के अंदर ही रसूखदार परिवार ने पुन: उसे जमीन पर कब्जा कर लिया और उनके साथ मारपीट कर इन्हें बेदखल कर दिया।  थक-हारकर अब पूरा परिवार इंसाफ की उम्मीद में सडक़ों पर है। मुरहा नागेश ने चेतावनी दी है अगर हमारी जमीन नहीं मिली, तो जान दे देंगे। प्रशासन अभी चुप है, पर सवाल गरियाबंद की जनता के दिल में गूंज रहा है। क्या गरीब की जमीन लौटेगी, या फिर एक और परिवार मिट्टी में मिल जाएगा। तहसीलदार के मनमनवल से भी हड़ताली परिवार का हड़ताल जारी रहा।

तहसीलदार सुशील भोई ने कहा- बंदोबस्त प्रकरण त्रुटि चल रहा था, वर्तमान में कब्जा दिलाया था जो कि चुकी अनावेदक पक्ष अपील में चला गया हैं उनके द्वारा स्थगन आदेश चला गया एसडीएम के आदेश परिपालन में चला गया, वर्तमान में एसडीएम द्वारा जारी स्थगन आदेश हटा दिया गया है उन्होंने भूख हड़ताल पर न बैठे, उनको वहां पर कब्जा दिलाएंगे और कृषि कार्य करते रहे ,बंदोबस्त त्रुटि वृहद पैमाने हुई हैं, जब तक सर्वे नहीं होगा तब तक, अगर पुन: दूसरे कब्जा करते हैं तो उस पर करवाई किया जावेगा।

पीडि़त परिवार ने कहा कि जब तक मेरे भूमि को कब्जा किए लोग यह नहीं आ जाते और लिखित आश्वासन दे कि कब्जा नहीं करेंगे तब तक हड़ताल जारी रहेगा चाहे मौत क्यों नहीं जावे।


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