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लखनऊ. बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान स्टारर वेब सीरीज तांडव का पूरे देश के साथ उत्तर प्रदेश में भी बड़े स्तर पर विरोध हो रहा है. इस बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट में अमेज़न प्राइम वीडियो की ओरिजनल कंटेंट हेड (इंडिया) अपर्णा पुरोहित के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई हुई. जबकि हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने फैसला सुनाए जाने तक पुरोहित की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है.
अमेज़न प्राइम वीडियो की ओरिजनल कंटेंट हेड (इंडिया) अपर्णा पुरोहित की तरफ से अग्रिम जमानत को लेकर हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की गई थी. जबकि इस मामले की सुनवाई जस्टिस सिद्धार्थ की एकल पीठ ने की. उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में अपर्णा पुरोहित समेत अन्य के खिलाफ धारा 153- A (1) (B), 295- A, 505(1)(B), 505(2) में एफआईआर दर्ज हुई थी.
बता दें कि निर्देशक अली अब्बास जफर की नई वेब सीरीज 'तांडव' में हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान और जातिगत भावनाओं को भड़काने के आरोपों के साथ एक ओर जहां सोशल मीडिया पर इस फिल्म को तत्काल बैन करने की मांग की जा रही है, तो वहीं उत्तर प्रदेश में धर्मनगरी अयोध्या, मथुरा और काशी के साथ प्रयागराज में साधु-संतों समेत कई अन्य संगठनों ने भी इस फिल्म का खुला विरोध करते हुए इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
लखनऊ में भी दर्ज है मामला
इस मामले में लखनऊ पुलिस द्वारा भी हजरतगंज कोतवाली में वेब सीरीज तांडव को बनाने और रिलीज कराने वालों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करा दी गई है. हजरतगंज थाने के वरिष्ठ उपनिरीक्षक अमरनाथ यादव की तहरीर पर तांडव वेब सीरीज को रिलीज कराने वाले OTT प्लेटफॉर्म अमेज़न प्राइम वीडियो की ओरिजनल कंटेंट हेड इंडिया अपर्णा पुरोहित, तांडव वेब सीरीज़ के डायरेक्टर अली अब्बास जफर, प्रोड्यूसर हिमांशु कृष्णा मेहरा और राइटर गौरव सोलंकी के खिलाफ नामजद और एक अन्य अज्ञात समेत 5 लोगों के खिलाफ हजरतगंज थाने में कई गंभीर धाराओं में एफआईआर कराई गई है.
लगा है यह आरोप
वरिष्ठ उपनिरीक्षक (हजरतगंज) की तहरीर में वेब सीरीज़ तांडव के पहले एपिसोड के 17वें मिनट में एक ओर जहां हिन्दू देवी-देवताओं को अमर्यादित तरीके से दिखाकर धार्मिक भावनाओं को भड़काने का आरोप लगाया गया है, तो वहीं 22वें मिनट में जातिगत भावनाओं को भड़काने वाले संवाद के साथ ही साथ भारत के प्रधानमंत्री जैसे गरिमामयी पद को ग्रहण करने वाले व्यक्ति का चित्रण भी अत्यंत अशोभनीय ढंग से किये जाने का आरोप लगाया गया है.
इतना ही नहीं इस वेब सीरीज़ में महिलाओं का भी अपमान किये जाने के साथ इस वेब सीरीज़ की मंशा को एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को भड़काना बताया गया है. वेब सीरीज का इंटरनेट पर हो रहे व्यापक प्रचार प्रसार को न सिर्फ समाज के लिए हानिकारक बताया गया है, बल्कि इस वेब सीरीज पर धार्मिक-जातिगत भावनाओं को भड़काने, शासकीय व्यवस्था को क्षति पहुंचाने का आरोप लगाते हुए इसे बनाने और रिलीज़ करने वालो के खिलाफ उचित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर विधिक कार्रवाई किये जाने की बात कही गई है.
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