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स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी इस वक्त सलाखों के पीछे हैं. उन पर आरोप कॉमेडी के बहाने हिंदू देवी देवताओं के अपमान का है. यही नहीं उन पर गोधरा दंगों को लेकर गृहमंत्री अमित शाह पर अभद्र टिप्पणी का भी आरोप है.
डॉयचे वैले पर आमिर अंसारी का लिखा -
कॉमेडियन मुनव्वर फारूकी मूल रूप से गुजरात के रहने वाले हैं. हिंदू संगठनो का आरोप है कि वे अपने चुटकुलों के बहाने हिंदू देवी देवताओं का अक्सर अपमान करते आए हैं. नया मामला 1 जनवरी 2021 का है. उनका एक शो मध्य प्रदेश के इंदौर में चल रहा था और इसी दौरान हिंद रक्षक संगठन ने कैफे में हंगामा किया और आरोप है कि संगठन के सदस्यों ने फारूकी के साथ हाथापाई भी की. पुलिस ने हिंद रक्षक संगठन की शिकायत के बाद फारूकी और चार अन्य लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. फारूकी के अलावा जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया थे, वे हैं एडविन एंथोनी, प्रखर व्यास, नलिन यादव, प्रियम व्यास. शनिवार 2 जनवरी को इन लोगों को कोर्ट में पेश किया गया और उसके बाद कोर्ट ने इन्हें 15 दिनों के लिए जेल भेज दिया.
अभद्र टिप्पणी का आरोप
बताया जाता है कि इंदौर के 56 दुकान क्षेत्र में स्थित एक कैफे में फारूकी का शो चल रहा था और उसी दौरान स्थानीय बीजेपी विधायक मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ अपने साथियों के साथ बतौर दर्शक पहुंचे थे. उन्होंने शो के दौरान कथित तौर पर की गई कुछ टिप्पणियों को लेकर हंगामा किया और शो को रुकवा दिया. इसके बाद एकलव्य ने पुलिस से इसकी लिखित शिकायत की और पुलिस ने फारूकी और चार अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया. पत्रकारों से एकलव्य ने कहा, "मैं और मेरे साथी बाकायदा टिकट खरीदकर कॉमेडी शो में पहुंचे थे, जहां फारूकी को बतौर मुख्य कॉमेडियन बुलाया गया था. इस शो में अभद्र टिप्पणी करते हुए हिंदू देवी देवताओं का मजाक बनाया जा रहा था. कार्यक्रम में गोधरा कांड और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का अनुचित जिक्र भी किया गया था." एकलव्य ने आगे कहा कि उन्होंने शो का वीडियो बनाया और कार्यक्रम देखने आए लोगों को बाहर कर शो रुकवा दिया. वे फारूकी और आयोजकों को पकड़कर इंदौर के तुकोगंज पुलिस स्टेशन ले गए.
इंदौर का सत्र न्यायालय फारूकी और कार्यक्रम के आयोजक नलिन यादव की जमानत अर्जी अब तक दो बार खारिज कर चुका है. न्यायालय में जमानत पर सुनवाई के दौरान फारूकी और यादव के वकील ने दलील दी कि लगाए गए आरोप अस्पष्ट हैं और राजनीतिक दबाव में मामला दर्ज कराया गया है. ट्विटर पर लोग सवाल कर रहे हैं कि फारूकी को आखिर जमानत क्यों नहीं मिल रही है. स्टैंडअप कॉमेडियन अदिति मित्तल लिखती हैं कि फारूकी ऐसे जोक्स के लिए हिरासत में हैं जो उन्होंने कभी बोला नहीं है.
Munawar Faruqui is still in custody for “jokes” he never told and imaginary offences . It’s been a week now.
— Aditi Mittal (@awryaditi) January 8, 2021
Why is his bail being constantly denied? Because he’s Muslim.
निशाने पर फिल्मकार, कलाकार और कॉमेडियन
हाल के सालों में सिनेमा, फिल्मों में ऐतिहासिक पुरुषों और महिलाओं की भूमिका निभाने वाले अभिनेता और अभिनेत्री एक खास वर्ग के निशाने पर आए हैं. भारत में जब से स्टैंडअप कॉमेडी का चलन बढ़ा है, कॉमेडियन भी संगठनों के निशाने पर आए हैं. संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर साल 2017 में काफी बवाल मचा था और कई राजपूत संगठनों ने फिल्म और उससे जुड़े कलाकार का विरोध किया था. फारूकी के बारे में कहा जाता है कि वे अपने धर्म के बारे में भी कॉमेडी करते हैं. फारूकी के समर्थन में कई स्टैंडअप कॉमेडियन, अधिकार कार्यकर्ता और अभिव्यक्ति की आजादी के समर्थक आगे आए हैं और उन्होंने उनकी गिरफ्तारी की निंदा की है.
In solidarity with #MunawarFaruqui pic.twitter.com/BfjPBmKp60
— Sanitary Panels (@sanitarypanels) January 3, 2021
स्टैंडअप कॉमेडी करने वाले कुणाल कामरा ने पिछले साल कुछ ऐसे ट्वीट्स किए थे जिसको लेकर खासा बवाल हुआ था और सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अवमानना का नोटिस तक भेजा था. कामरा ने एक मामले में अर्नब गोस्वामी की जमानत अर्जी पर तुरंत सुनवाई की आलोचना की थी. कुछ साल पहले कार्टूनिस्ट असीम त्रिवेदी को राजद्रोह के आरोप में जेल तक जाना पड़ा था. उन्होंने अन्ना हजारे के आंदोलन के दौरान कुछ ऐसे कार्टून बनाए थे जिससे बवाल हुआ और एक शिकायत के बाद उन्हें जेल तक जाना पड़ा और राजद्रोह के मामले का सामना करना पड़ा था.
कला जगत के लोग हाल के सालों में हुई इस तरह की कार्यवाही को लेकर निराशा जताते हैं और कहते हैं कि अभिव्यक्ति की आजादी उनके पेशे का अहम हिस्सा है.(dw.com)


