मनोरंजन
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-आज 14 अगस्त पुण्यतिथि
मुंबई, 14 अगस्त (वार्ता)। बॉलीवुड के ‘याहू्’ स्टार कहे जाने वाले शम्मी कपूर ने उदासी, मायूसी और देवदास नुमा अभिनय की परम्परागत शैली को बिल्कुल नकार करके अपने अभिनय की नयी शैली विकसित कर दर्शकों का मनोरंजन किया।
मुंबई (तत्कालीन बॉम्बे) में 21 अक्टूबर 1931 को जन्में शम्मी कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर फिल्म इंडस्ट्री के महान अभिनेता थे। उनके भाई राज कपूर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी पहचान बना चुके थे। पृथ्वीराज थिएटर्स में काम करते हुए शम्मी भी अभिनय की बारीकियां सीख चुके थे और फिल्म लाइन में उतरना चाहते थे। पृथ्वीराज और भाई राज ने कहा कि अपना रास्ता खुद बनाओ। वर्ष 1953 में प्रदर्शित फिल्म जीवन ज्योति से बतौर अभिनेता शम्मी कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री का रुख किया।
शम्मी कपूर की खासियत थी उनका डांस। पहले फिल्म इंडस्ट्री में इतने कोरियोग्राफर नहीं हुआ करते थे। क्लासिकल डांस की बात हो तभी कलाकार डांस सीखते थे। इसलिए, शम्मी ने अपना डांस स्टाइल इजाद किया। बेहद तेजी से लटके-झटके खाते हुए वे कैमरे के सामने नृत्य करते थे। शम्मी कपूर जब फिल्म इंडस्ट्री में आये तो उनका फिगर आडी तिरछी अदायें और बॉडी लैंग्वज फिल्म छायांकन की ²ष्टि से उपयुक्त नहीं थे लेकिन बाद में यही अंदाज लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बन गया। उनके लिये संगीतकारों ने फडकता हुआ संगीत, युवा मन को बैचेन करने वाले बोल और गीतकारों को संगीतकारों के तैयार की गयी धुन का बारीकी से अध्ययन करके गीत लिखने पड़े। इसे देखते हुए महान पाश्र्वगायक मोहम्मद रफी ने अपनी मधुर आवाज से जो शैली तैयार की वह उनके लिये सर्वथा उपयुक्त साबित हुयी।