दुर्ग
दुर्ग, 27 दिसंबर। रबी सीजन में डीएपी के बाद अब यूरिया की भी किल्लत शुरू हो गई है। मजबूरी में रबी फसल लेने वाले किसान बाजार से दुगुने दाम पर यूरिया खरीदने मजबूर है। वहीं किसान रोज खाद के लिए सहकारी समितियों का काट चक्कर रहे हैं। जिला पंचायत सदस्य दानेश्वर साहू का कहना है कि रबी बोनी के समय जब डीएपी की जरूरत थी तो डीएपी खाद नहीं मिल पा रहा था। अब किसानों को अपनी फसल में यूरिया छिडक़ाव करना है तो कई समितियों में यूरिया नहीं मिल पा रहा है। मार्केर्टिंग में भी यूरिया नहीं मिल पा रहा है। नतीजन लगभग ढाई सौ रुपए प्रति बोरी मिलने वाली यूरिया को खुले बजार में पांच सौ रुपए की दर से किसान खरीद रहे हैं।
पेंड्री मार्केटिंग के गजानंद साहू ने बताया कि 15 दिनों से यूरिया खत्म हो गया है रेक लगने पर यूरिया आता है मगर माह भर से पेंड्री में यूरिया आया नहीं है। पता करने पर रेक लगने पर भेजेंगे बोला जाता है। ग्राम परोड़ा निवासी किसान अनिल साहू का कहना है कि सप्ताह भर से करेली समिति में यूरिया नहीं चना एवं गेहूं की फसल में यूरिया का छिडक़ाव जरूरी है मगर 265 रुपए प्रति बोरी की दर से मिलने वाला यूरिया बाजार में निजी दुकानदार 6-7 सौ रुपए की दर से बेच रहे हैं। ग्राम बरहापुर के शंतानू साहू का कहना है कि उनके यहां डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है।


