दुर्ग

15वें वित्त आयोग की राशि वितरण में भेदभाव का आरोप
10-Aug-2025 4:02 PM
15वें वित्त आयोग की राशि वितरण में भेदभाव का आरोप

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
दुर्ग, 10 अगस्त।
दुर्ग जनपद पंचायत के जनपद सदस्य ढालेश साहू द्वारा 15वें वित्त की राशि का अनुचित वितरण व भेदभाव प्रक्रिया की पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार को शिकायत की है। इसमें उन्होंने संवैधानिक अधिकारों के हनन का आरोप लगाया है। उनकी शिकायत पर संज्ञान लेते हुए पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए छत्तीसगढ़ सरकार से जल्द कार्रवाई कर रिपोर्ट मांगी है।

15वें वित्त आयोग की धनराशि के वितरण में भेदभाव के गंभीर आरोपों पर केन्द्र सरकार द्वारा संज्ञान लेने से छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मच गई है। मामले को लेकर दुर्ग जनपद पंचायत में 15वें वित्त की राशि से वंचित 11 सदस्यों ने धरना प्रदर्शन भी किया था। जिले के जनपद पंचायत सदस्य ढालेश साहू ने 8 जुलाई को केंद्र सरकार को भेजे गए अपने पत्र में आरोप लगाया था कि राज्य में पंचायतों को आवंटित 15वें वित्त आयोग की राशि का वितरण संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 15 (भेदभाव का निषेध) के प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए किया गया है। 

उन्होंने दावा किया कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई, जिससे कई पात्र पंचायतों को उनका वाजिब हिस्सा नहीं मिल पाया।  उन्होंने मामले में दुर्ग जिला प्रशासन एवं छत्तीसगढ़ शासन से भी शिकायत की थी जिस पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उन्होंने केन्द्र से मामले में शिकायत की। केंद्रीय मंत्रालय ने इस शिकायत को सीधे छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दिया है। मंत्रालय के अवर सचिव ने पत्र में कहा है कि इस मामले में न केवल त्वरित कार्रवाई की जाए, बल्कि इसकी विस्तृत रिपोर्ट पंचायती राज मंत्रालय भारत सरकार को भी भेजी जाए। साथ ही, शिकायतकर्ता ढालेश साहू को भी की गई कार्रवाई की जानकारी दी जाए। केन्द्र द्वारा मामले में संज्ञान लिए जाने पर ढालेश साहू ने कहा कि यह पहला मौका है जब 15वें वित्त आयोग की राशि के वितरण पर केंद्र सरकार ने सीधे तौर पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। केंद्र की हस्तक्षेप के बाद अब राज्य सरकार पर इस संवेदनशील और संवैधानिक रूप से महत्वपूर्ण मामले में पारदर्शी और जवाबदेह कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया है।


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