दुर्ग

महाबोधि महाविहार को गैर बौद्धों से मुक्त करने की मांग, हड़ताल जारी
10-Jul-2025 5:16 PM
महाबोधि महाविहार को गैर बौद्धों से मुक्त करने की मांग, हड़ताल जारी

छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 10 जुलाई।  
दुर्ग में धरना, प्रदर्शन, आंदोलन एवं भूख हड़ताल का आठवां दिन चल रहा है, जब तक बी.टी.ऐक्ट-1949 निरस्त नहीं होगा तब तक यह धरना, आंदोलन, प्रदर्शन एवं भूख हड़ताल जारी रहेगा।  
बुद्ध विहार समिति शंकर नगर के पूर्व सचिव अशोक मेश्राम ने अपने संबोधन में कहा कि श्रीलंका से आए अनागरिक धम्म पाल ने वर्ष 1891 में बोधगया में महाबोधि सोसाइटी की स्थापना की थी। जिसका उद्देश्य महाबोधि महाविहार को गैर बौद्धों से मुक्त करना था। इसके पश्चात आर्य नागार्जुन सुरई ससाई ने आंदोलन चलाने का बीड़ा उठाया। अनागरिक धम्मपाल की वजह से ही तत्कालीन बिहार सरकार ने बी.टी. एक्ट 1949 बनाया। जिसमें उस कमेटी में गैर बौद्ध सदस्य चार व बौद्ध सदस्य चार व एक प्रशासक होगा जो कि गया जिले का कलेक्टर होगा और वह भी गैर बौद्ध होगा। इसमें विसंगतिया और भ्रांतियां की स्थिति निर्माण हो रही थी। इसलिए बिहार सरकार ने जो अधिनियम बनाया है, वह संपूर्ण रूप से गलत है।

मांग है कि उस कमेटी में संपूर्ण सदस्य बौद्धों के होना चाहिए। भारतीय बौद्ध महासभा के राष्ट्रीय ट्रस्टी यस.आर. कानडे ने भी 8 दिन के धरना आंदोलन पर सविस्तार प्रकाश डाला। सुधा डोंगरे ने भी आंदोलन के बारे में अपने विचार रखे। प्रज्ञा ताई कांडे ने आंदोलन के गति को और तेज करने का आव्हान किया। अंत में तिरिशरण पंचशील का शील ग्रहण करके विश्व के लिए मंगलकामनाएं की गई।

 

धरना-प्रदर्शन में डॉ. अरविंद चौधरी, रामा राव ढोक, जीएस लांजेवार, जयश्री बौद्ध, सुदेश कुमार रामटेके, आशीष चौहान, अविनाश अडकने, राजेन्द्र मेश्राम, काशी मेश्राम, भिक्षुणी खेमा, भिक्षुणी संघ प्रिया, भिक्षुणी विशाखा, अर्चना वासनिक, अनिल ऊके, राजकुमार रामटेके, शैलेंद्र भगत, बी आर कठाने, गौरव वैद्य, सरिता वैद्य, रसिया सहारे, महेंद्र सहारे, प्रशांत कामडे, ज्योति गेडाम, नीलिमा कानेकर, बेनू गजभिए, इंदू ढोक, अलका बौद्ध, प्रमिला रंगारी, माधुरी रंगारी, जी डी राऊत, सुधा डोंगरे, साधना नागवंशी, योगेश सहारे, पूर्णिमा मेश्राम, सुरेश बंसोड़, मंगला गेडाम, कविता रंगारे, महेंद्र बौद्ध, विद्यावती लांजेवार, भूमिका, शशि रंगारी, करुणा बौद्ध, श्रेया रंगारी, रिया रंगारी, नेहा वैद्य, प्रज्ञा वैद्, एस आर बौद्ध, प्रकाश सहारे, ज्योति भीमटे सहित सैकड़ों उपासक-उपासिकाओं की उपस्थिति थी।


अन्य पोस्ट