दुर्ग

मोहर्रम पर निकाले गए ताजिए, शहर के विभिन्न मार्ग से गुजरे
07-Jul-2025 7:12 PM
मोहर्रम पर निकाले गए ताजिए, शहर के विभिन्न मार्ग से गुजरे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 7 जुलाई।
मोहर्रम के अवसर पर शहर में रविवार को दोपहर में जोहर की नमाज के बाद ताजिए शहर में निकाले गए। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी हजरत किबला जलालुद्दीन खिज्र रूमी शाह दरगाह शरीफ केलाबाड़ी दुर्ग में मोहर्रम के अवसर पर 6 जुलाई को कुरान खानी हुई। दोपहर बाद ताजिया नगर भ्रमण को निकाला गया। इस दौरान सैकड़ों अकीदत मंद मौजूद रहे।  केलाबाड़ी दरगाह शरीफ में 8 जुलाई को सुबह 9 बजे मोहर्रम के सीयम की फातिहा रखी गई है।
मोहर्रम के अवसर पर अंजुमन इस्लाम मुस्लिम कमेटी शहर दुर्ग के बैनर तले 10 रोजा मोहर्रम के अवसर पर तकरीर के प्रोग्राम में अल्लामा मौलाना जाकिर हुसैन नइमी मुरादाबाद वाले ने अपने बयान में कहा कि कत्ले हुसैन असल में मरगे यजीद है। इस्लाम जिंदा होता है हर कर्बला के बाद। कर्बला के शहीदों पर दुनिया के महान लोगों की राय बहुत सम्मानजनक और प्रेरणा दायक है। इमाम हुसैन और उनके साथियों की शहादत को न्याय और सच्चाई के लिए बलिदान के रूप में देखा जाता है। यह एक ऐसी जंग जो 10 अक्टूबर 680 ईस्वी में हुई थी परंतु आज भी इसका जिक्र किया जाता है, क्योंकि इमाम हुसैन उसूलों पर सच्चाई के हक में कर्बला के मैदान में न सिर्फ अपनी जान दी बल्कि इसमें कुल 72 लोगों की जान कुर्बान हो गई थी। 6 माह के मासूम बच्चे अली असगर तक को कत्ल किया गया था और उन्हें पानी तक नहीं दिया गया था।
 

तीन दिन तक यजीद की फौज जो हजारों में थी, तपती रेगिस्तान मैदान कर्बला में इमाम हुसैन के साथ उनके परिवार भी था, जिसमें महिलाएं भी थी, इस हालत में भी इमाम हुसैन एवं उनके साथियों ने नबी हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के बताएं सिद्धांत और उसूलों पर चलकर हक की लड़ाई लड़ी थी। मौलाना जाकिर हुसैन ने दुर्ग शहर सहित पूरे भारतवर्ष की तरक्की व अमन शांति के लिए दुआ की। इस अवसर पर कमेटी के अध्यक्ष अजहर पटेल, उपाध्यक्ष वसीम राजा, जनरल सेक्रेटरी सैयद शादाब अली, वसीम शेट्टी, सेक्रेटरी जुनैद लाल आज़मी, कैशियर अनीश खान, लतीफ खोखर, मेंबर जुनैद खान, मोहसिन खान, शादाब खान, अशरफ कुरैशी, नदीम खान एवं अन्य लोग मौजूद थे।


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