दुर्ग

पहलगाम हमला, और झीरम में समानता-भूपेश
25-Apr-2025 2:37 PM
पहलगाम हमला, और झीरम में समानता-भूपेश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 25 अप्रैल।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि अभी देश में जो हालात है पूरे चिंतित और पूरे विश्व को और देश को झकझोर कर देने वाली घटना पहलगाम में हुई। पहलगाम के आतंकी हमला में 28 लोगो की जाने चली गयी और हंसता खेलता परिवार उजड़ गया। जो परिवार खुशियां बांटने गया था, पर्यटन के लिये गये थे, कोई शादी का सालगिरह मनाने गया था, कोई अपने परिवार के साथ गये थे उनकी बहुत ही दर्दनाक ढंग से आतंकवादियों ने हत्या की है। इस घटना की कांग्रेस पार्टी ने कड़ी शब्दों में निंदा की है।

पहलगाम की घटना में बहुत सारे प्रश्न छोड़ गये है। यह बहुत बड़ी घटना है और इस घटना की गंभीरता इससे लगाया जा सकता है, पूरे देश के 140 करोड़ जनता इससे व्यतीत है, दुखी हैं, आक्रोशित हैं। विश्व के अनेक राष्ट्रीय अध्यक्षों ने भी इस घटना में शोक व्यक्त किया है।

 

 

बघेल ने कहा पहली बात यह है कि आतंकवाद ने हम सबको झकझोर कर रख दिया है जो 28 लोगों की मौत हुयी है, दूसरी बात यह है कि इसमें धर्म पूछ-पूछकर हत्या की गयी, वहां जो पिटूवाले, टट्टू घोड़े चला रहे थे और जो होटल वाले थे, जो टैक्सी वाले थे, उन्होंने मानवीयता का उत्कृष्ट उदाहरण दिया कि जितने भी प्रभावित परिवार के लोग फंसे हुये थे उनको सुरक्षित स्थान में लाने के लिये अपनी जान की परवाह न करते हुये अपने जान को जोखिम में डालते हुये सहायता की और उसमें दो लोगों की मौत हुई।  बहुत सारे लोग ऐसे थे जो जंगल में छुपे हुये थे, आये नदी, पहाड़ क्रास करके और वहां अपने घरो में उनको आश्रय दिया तो दूसरा पहलू भी हमको दिखाई देता है क्योंकि हम लोग भी छत्तीसगढ़ से है नक्सल प्रभाव से पीडि़त है, बहुत सारे नक्सली घटनायें हुई, जिसमें अनको परिजनों और अपने परिचितों को खोया है और हमने अपने नेताओं को खोया है। उस आतंकी और नक्सली हमला के बारे में बहुत करीब से अनुभव कर सकते है। ऐसे ही झीरम घाटी की जो घटना घटी थी और पहलगाम की जो घटना है जिसमें दो समानताएं देखने को मिलता है। 

पहली समानता यह है कि दोनों जगह सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी, न ही पहलगाम सुरक्षा व्यवस्था थी और न ही झीरम घाटी में सुरक्षा व्यवस्था थी। पहलगाम में भी 28 लोगों की मौतें हुयी और झीरम घाटी में भी 28 लोगों की मौतें हुयी। दूसरा समानता यह है कि झीरम घाटी में नाम पूछ-पूछकर नक्सलियों ने मारा है। इसमें नंदकुमार पटेल कौन है, दिनेश पटेल कौन है, महेंद्र कर्मा कौन है, बंटी कौन है ये सब पूछ-पूछकर उनकी हत्याएं की।


अन्य पोस्ट