दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 9 अप्रैल। मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दिए जाने वाले मामले को लेकर कल दिनभर विरोध प्रदर्शन होता रहा, वहीं पुलिस ने बच्ची के चाचा आरोपी को न्यायालय में पेश किया जहां से उसे जेल दाखिला किया गया है। मोहन नगर पुलिस ने आरोपी को मंगलवार की सुबह 10.30 बजे एडीजे फास्ट ट्रेक कोर्ट अनीश दुबे की कोर्ट में पेश किया जहां से आरोपी को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है जिला न्यायालय के सैकड़ों अधिवक्ताओं ने बच्ची के साथ हुई इस घटना को लेकर आरोपी के खिलाफ आक्रोश व्याप्त हो गया। वही अधिवक्ताओं ने पुलिस द्वारा जल्दबाजी में सुबह 10.15 बजे ही कोर्ट खुला कर आरोपी को पेश करके रिमांड लेने की प्रक्रिया पर रोष जताया हैं।
जिला अधिवक्ता संघ की अध्यक्ष नीता जैन, सचिव रवि शंकर सिंह, कोषाध्यक्ष अनिल जायसवाल, उपाध्यक्ष प्रशांत जोशी सहित कई अधिवक्ताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि नवरात्रि के दिन जहां देवियों की पूजा होती है उस समय पर मासूम बच्ची के साथ इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी को कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए।
अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों ने सभी अधिवक्ताओं से अनुरोध किया है कि इस प्रकरण के आरोपी की ओर से कोई भी पैरवी न करें। अधिवक्ता संघ के सचिव रवि शंकर सिंह ने बताया कि इसको लेकर सभी अधिवक्ताओं के बीच नोटिस जारी कर दी गई है। इस घटना में पुलिस द्वारा बादल बेलेकर, अनुराग मेश्राम को संदेह के आधार पर पकड़ा गया था और आक्रोशित भीड़ ने उनके घर को जला दिया था। वहीं उनकी गाडिय़ों को आग के हवाले कर दिया था, कार में तोडफ़ोड़ की गई थी। इनके खिलाफ भ्रामक बातें फैलाई गई और परिवार को जान से मारने का प्रयास भी किया गया। इस घटना के दौरान वार्ड पार्षद रेशमा सोनकर तथा उसके पति गोलू सोनकर के द्वारा यह कहा गया कि समाज के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया गया, इसको लेकर बौद्ध समाज आहत हुआ है। मंगलवार की सुबह आक्रोषित बौद्ध समाज के सैकड़ों लोग एकत्र होकर मोहन नगर थाना पहुंचे और और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर को एक आवेदन सौपा। समाज के लोगों ने इस घटना की निंदा करते हुए पुलिस अधिकारी से कहा कि गुनहगार को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
समाज के लोगों ने कहा कि 6 अप्रैल को बच्ची के साथ जो घटना हुई है उस प्रकरण में बादल बेलेकर अनुराग मेश्राम को पकड़ कर पुलिस ने पूछताछ में लिया था।
आक्रोशित लोगों ने घर के सामने खड़ी कई गाडिय़ों को जला दिया था घर में आग लगा दी थी। उनके खिलाफ भ्रामक बातें फैलाई गई और परिवार को जान से करने का प्रयास भी किया गया। जांच के बाद सत्यता सामने आई और बच्ची के साथ गलत कार्य उसके सगे चाचा ने किया था। समाज के अजीत वैध, विनोद नागदेवे, ममता रामटेके, महेंद्र सिंह रंगारी, रत्न माल भोतिक आदि ने पुलिस को बताया कि पुलिस जांच के समय वार्ड पार्षद रेशमा सोनकर एवं उसके पति गोलू सोनकर द्वारा समाज को लेकर अभद्र टिप्पणी की जा रही थी। ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, इससे बौद्ध समाज आहत हुआ है। ऐसे चुने हुए प्रतिनिधि को बर्खास्त कर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, साथ ही निर्दोष लोगों का घर एवं वाहनों को जलाया गया है उसके एवज में मुआवजा मिलना चाहिए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर ने बताया कि साक्ष्य नहीं मिलने पर दो संदेहियों को छोड़ दिया गया है, वहीं एक आरोपी के खिलाफ सबूत मिल चुके हैं। आरोपी को सुबह 10.30 बजे न्यायालय में पेश किया वहां से उसे न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट में सुबह जल्दी आरोपी को पेश करके रिमांड मे लेना टेक्निकल प्रक्रिया है। आरोपी को 2 दिन से हिरासत में लिया गया था इसलिए उसको रिमांड पर जल्दी लिया जाना आवश्यक हो गया था।