दुर्ग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
दुर्ग, 22 अक्टूबर। प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालयों का चक्कर काटकर थक गए। भारतमाला परियोजना प्रभावित भू स्वामियों ने अब आंदोलन की राह चुन लिया है। प्रभावित लोग 7 वर्षों से मुआवजा की बाट जोह रहे हैं मगर अब तक नहीं मिल पाया है। इससे आक्रोशित प्रभावितों ने 24 अक्टूबर को जंगी प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।
प्रभावित भू स्वामी शिव चंद्राकर, नेक चंद चोपड़ा आदि का कहना है कि ग्राम धनोरा हनोदा, बोरीगारका, पुराई, उमरपोटी एवं अन्य समस्त ग्रामों के भू स्वामियों की जमीन जो कि भारतमाला परियोजना के अंतर्गत प्रभावित हुई है, उसका मुआवजा पिछले 7 वर्षों से नहीं मिला है। जिसके लिए काफी लंबे समय से भूस्वामियों द्वारा मुख्यमंत्री जनदर्शन, कलेक्टर एवं एसडीएम सभी जगह मिलकर एवं पत्र के माध्यम से अपनी परेशानियां अवगत कराते आ रहे हैं। 19 सितंबर को कलेक्टर को भी ज्ञापन दिया गया। तब कलेक्टर द्वारा 15 दिन का समय मांगा गया था। इसके बावजूद भी आज तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। लगातार भूस्वामियों द्वारा अधिग्रहित की गई भूमि के कागजात मांगने पर भी उन्हें कोई भी कागजात मुहैया नहीं कराया गया है। पूर्व अनुविभागीय दंडाधिकारी द्वारा 500 वर्ग मीटर से नीचे की भूमि जिसका मुआवजा स्क्वायर फीट में मिलना है उसे भी अनुविभागीय दंडाधिकारी द्वारा भूमि स्वामी के खिलाफ एवं नियमों को तोड़ते हुए हेक्टेयर में मुआवजा बनाकर अवार्ड के लिए भेज दिया गया है। उनका कहना है कि कलेक्टर उस फाइल को वापस मंगाकर त्रुटि सुधार कर भू स्वामियों के हित में नियम अनुसार फैसला करें ताकि भूमि स्वामी जो कि 7 वर्षों से परेशान है, उन्हें आगे कोर्ट कचहरी आदि के चक्कर में समय बर्बाद होने से बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि किसी प्रकार का कोई निराकरण भी नहीं निकलने पर समस्त भूमि स्वामियों द्वारा 24 अक्टूबर को एक दिवसीय जंगी धरना प्रदर्शन का निर्णय लिया गया है।