दुर्ग

सीएम बघेल ने कृषि महाविद्यालय मर्रा के नए भवनों का किया लोकार्पण
06-Sep-2023 3:31 PM
सीएम बघेल ने कृषि महाविद्यालय मर्रा  के नए भवनों का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री ने किया गुरूजनों का सम्मान

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 6 सितंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित संत विनोबा भावे कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र मर्रा (पाटन) के नव निर्मित महाविद्यालय भवन, हाइटेक नर्सरी, टिश्यु कल्चर प्रयोगशाला, इम्प्लीमेंट शेड, बीज भंडार गृह एवं कृषक विश्राम गृह, तीन खाद गोदामों व महाविद्यालय के दो अतिरिक्त कक्ष का लोकार्पण किया।

इस अवसर पर गृह, जेल, लोक निर्माण, धार्मिक न्यास, धर्मस्व व पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे भी मौजूद थे। मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों ने महाविद्यालय परिसर में लगे कृषि विभाग के प्रदर्शनियों का अवलोकन किया।

संत विनोबा भावे कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र मर्रा (पाटन) को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा लगभग 87 एकड़ भूमि आबंटित की गई है, जिसके अंतर्गत कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान हेतु नवीन महाविद्यालय भवन जो कि समस्त शैक्षणिक सुविधाओं से सुसज्जित है एवं 3730 वर्गमीटर में विस्तारित है, जिसकी लागत लगभग 5 करोड़ 25 लाख रूपये है। यहां पर कृषि, शिक्षा एवं अनुसंधान कार्य हेतु स्मार्ट क्लास रूम, सम्मुनत प्रयोगशालाएं, पुस्तकालय, खेलकूद एवं एन.एस.एस., पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति आदि कि सुविधाएं विद्यार्थियों को प्रदान की जा रही है। कालेज कैम्पस पूर्णत: वाई-फाई एवं इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र में अनुसंधान हेतु 72 एकड़ में कृषि प्रक्षेत्र का विकास किया गया है, जहां हाइटेक नर्सरी का निर्माण किया गया है। जिसकी लागत लगभग 1 करोड़ रूपये की है जो कि लगभग 15 एकड़ क्षेत्र में विस्तारित है। हाइटेक नर्सरी में विभिन्न प्रकार के फलों एवं सब्जियों तथा फूलों का पौधा तैयार करके कृषकों को वितरण किया जाता है ताकि कृषकगण इनका प्रयोग करके आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।

ग्राम मर्रा जैसे सुदूर क्षेत्र में भी छत्तीसगढ़ शासन के सहयोग से तथा मुख्यमंत्री के मंशा अनुरूप आज टिशू कल्चर प्रयोगशाला का निर्माण लगभग 2.50 करोड़ की लागत से किया गया है, जहां केला, गन्ना, बॉस, गुलाब एवं अन्य पौधों का टिशू कल्चर के माध्यम से विकास कर किसानों का वितरित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ मंडी बोर्ड के सहयोग से बीज भंडार गृह इम्प्लीमेंट शेड एवं कृषक प्रशिक्षण हेतु कृषक विश्राम गृह का निर्माण लगभग 2.37 करोड़ में किया गया है। 200 मेट्रिक टन क्षमता वाले 3 खाद खोदामों का भी निर्माण 32.93 लाख की लागत से किया गया है।

उल्लेखनीय है कि 17 अगस्त 2019 को उक्त महाविद्यालय का भूमिपूजन कार्य संपन्न हुआ था। वर्ष 2019-20 में बी.एस.सी. (कृषि) चार वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रवेशी 25 विद्यार्थियों के साथ महाविद्यालय का शुभारंभ हुआ था। वर्तमान में करीब 168 विद्यार्थी अध्ययनरत् है। 21 विद्यार्थियों का प्रथम बैच उपाधि उत्तीर्ण कर चुका है।

समारोह को संबोधित करते हुए सीएम ने गुरुजनों को नमन किया। उन्होंने कहा कि मर्रा स्कूल बहुत पुरातन स्कूल है। यहां पर विनोबा भावे जी का आगमन हुआ था। क्षेत्र के लोग भूदान आंदोलन से जुड़े थे। आज हम डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस को शिक्षक के रूप में मना रहे हैं। डॉ. राधाकृष्णन शिक्षक से राष्ट्रपति पद तक पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आज मैं भी इस मुकाम तक पहुंचा हूं उसमें मेरे गुरूजनों का योगदान रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा संचालित योजनाओं से ही आज छत्तीसगढ़ के किसाान संपन्न है। उन्हें ऋण लेने की आवश्यकता नहीं है। मर्रा में स्थापित कृषि महाविद्यालय के तकनीक से खेती-किसानी में सुधार होगा। आधुनिक खेती से उत्पादन में बढ़ोतरी होगी। प्रदेश में 10 हजार गौठान बनाये गए है। जिसमें आज 6 हजार गौठान स्वालम्बी हो गए है। प्राथमिक शिक्षा विस्तार के लिए 700 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए है। स्कूल जतन योजना के तहत स्कूलों का जीर्णोद्धार किया गया है। 30 हजार टीचरों की भर्ती की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर वातावरण बनाना सरकार की मंशा है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति, यहाँ के रहन सहन, खान-पान  को पहचान दिला कर स्वाभिमान को बढ़ावा देने का काम सरकार कर रही है। पुरखो के बनाये परम्परा को आगे बढ़ाने का काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की समुचित विकास के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, संस्कृति, रोजगार और अधोसंरचना विकास पर सरकार फोकस कर रही है। इस अवसर पर उन्होंने गुरूजनों का सम्मान भी किया।

स्कूल शिक्षा मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि यहां के किसानों के सहयोग से किसानों की सरकार बनी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल के कार्यों की प्रशंसा देश के महामहिम राष्ट्रपति  ने विगत दिनों छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान कर चुकी है। किसानों के हितैषी सरकार इस वर्ष प्रति एकड़ 20 किंवटल धान खरीदने जा रही है। साथ ही 40 हजार करोड़ की राशि किसानों के थैली में डालने जा रही है। आज छत्तीसगढ़ में 30 हजार शिक्षक भर्ती हुई है। प्रदेश में 23 कृषि महाविद्यालय खोले जा चुके है। कृषि में क्रांतिकारी परिवर्तन लाना सरकार की सोच है।


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