दुर्ग

रिसाली, मरोदा, रूआबांधा के अधिकांश मकान कंडम, बड़ा हादसा होने पर प्रबंधन जवाबदार-एचएमएस
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भिलाई नगर, 11 अगस्त। टाउनशिप क्षेत्र में स्थित क्वार्टर नंबर 215 सी रिसाली मकान की छत के करीब 7 फीट लंबा एवं साढ़े 3 फीट चौड़ा प्लास्टर का हिस्सा गिर गया। इस हादसे में बीएसपी कर्मी की सजगता के कारण ही उसकी जान बच पाई। प्लास्टर गिरने के कारण घरेलू सामान में कुर्सी घड़ी एवं बेड क्षतिग्रस्त हुआ है। कर्मी का कहना है कि घटना की सूचना देने के करीब 20 घंटे बाद भी टाउनशिप के अधिकारियों ने सुध नहीं ली है, क्षतिग्रस्त मकान की मरम्मत तो बहुत दूर की बात है। आक्रोशित कर्मचारियों ने प्रबंधन की इस लापरवाही के प्रति रोष व्यक्त किया है।
घटना के संबंध में निवासरत बीएसपी कर्मचारी सुनील सिंह कुशवाहा ने बताया कि कल रात्रि पाली में ड्यूटी करने के पश्चात घर में आकर विश्राम कर रहे थे। दोपहर को 3.30 बजे के करीब उन्हें पंखे के पास से आवाजें आने लगी। जिसके कारण वह नींद से उठ कर बाहर आ गए और कुछ ही क्षण में छज्जे के प्लास्टर का 7 फीट लंबा एवं साढ़े 3 फीट चौड़ा हिस्सा गिर गया। जिसके कारण नीचे रखे सामान में प्लास्टिक की कुर्सी, घड़ी एवं पलंग क्षतिग्रस्त हुआ है। इस प्रकार से कर्मचारी की सजगता के कारण ही कल उनकी जान बाल-बाल बची है। इस घटना की सूचना रिसाली मरम्मत कार्यालय में उनके द्वारा दी गई, परंतु 20 घंटे बीतने के बाद भी प्रबंधन की ओर से किसी के द्वारा भी सुध नहीं ली गई।
कर्मचारी ने कहा कि परिवार से घर पर कोई नहीं था, बाहर गए हुए थे। इस कारण से कोई मानवीय क्षति नहीं हुई है। यदि परिवार घर पर रहता तो बड़ा हादसा होना सुनिश्चित था। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में प्रबंधन का रवैया बहुत ही गैर जिम्मेदारना रहा है।
पीडि़त कर्मचारी ने बताया कि ढाई वर्ष पूर्व उनके द्वारा वेलकम स्कीम के तहत यह मकान का आबंटन कराया गया था। प्रबंधन द्वारा मरम्मत करके दिया गया था, उसके बावजूद इस प्रकार का हादसा होने से वे भयभीत हैं। उन्होंने कहा कि पूरा मकान कंडम हो चुका है।
एचएमएस यूनियन के महासचिव प्रमोद मिश्रा ने कहा है कि रूआबांधा, रिसाली एवं मरोदा सेक्टर में काफी बड़े पैमाने पर मरम्मत कार्य किए जाने के लिए प्रबंधन से लगातार यूनियन के द्वारा कहा गया है। इसके बावजूद प्रबंधन के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण लगातार इस प्रकार की घटनाएं हो रही है। बड़ा हादसा होने की स्थिति में पूरी जवाबदारी भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन की होगी।