दन्तेवाड़ा
दंतेवाड़ा, 27 नवम्बर। दंतेवाड़ा की प्रगति की समीक्षा नीति आयोग के प्रभारी अधिकारी तरुण कुमार पिथोड़े द्वारा जिला कार्यालय में बुधवार को की गई। इस दौरान कलेक्टर कुणाल दुदावत ने दंतेवाड़ा की विकास यात्रा और अब तक प्राप्त हुई प्रमुख उपलब्धियों पर विस्तृत प्रस्तुति दी ।
जनजातीय बहुल एवं भौगोलिक दृष्टि से चुनौतीपूर्ण यह जिला आज तेजी से प्रगति की दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, जल संसाधन, आजीविका एवं बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में हुए सकारात्मक परिवर्तनों का सीधा लाभ आम जनता को मिला है।
उन्होंनें स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को मजबूत करने के परिणामस्वरूप 75 प्रतिशत संकेतकों में सुधार दर्ज हुआ है। कुपोषण में गिरावट आई है और दूरस्थ अंचलों तक मोबाइल मेडिकल वैन एवं टेलीमेडिसिन सेवाओं के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाई जा रही हैं। शिक्षा में जहाँ नामांकन में 18 प्रतिशत वृद्धि के साथ ड्रॉपआउट दर में कमी आई है। ‘पढ़ाई का कोना’, बाल मित्र और नई स्थापित पुस्तकालयों ने बच्चों के सीखने के वातावरण को समृद्ध किया है।
कृषि में दंतेवाड़ा ने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान स्थापित की है, जहां 110 गाँवों को जैविक खेती प्रमाणन प्राप्त हुआ है। जल संरक्षण, सूक्ष्म सिंचाई एवं किसान पाठशाला जैसी पहलों ने किसानों की उत्पादकता और आय में वृद्धि सुनिश्चित की है। जिले में सडक़ संपर्क और डिजिटल कनेक्टिविटी के विस्तार के साथ-साथ विभिन्न आजीविका कार्यक्रमों ने ग्रामीण परिवारों के आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इन उपलब्धियों के आधार पर संपूर्णता अभियान में दंतेवाड़ा ने 6 में से 5 लक्ष्य हासिल करते हुए नीति आयोग का सिल्वर मेडल अर्जित किया है, जो जिले की मेहनत और प्रगतिशील कार्य पद्धति का प्रमाण है।
केंद्रीय प्रभारी अधिकारी तरुण कुमार ने दंतेवाड़ा की सराहना करते हुए कहा कि जिले ने चुनौतियों के बीच नवाचार और समुदाय-आधारित प्रयासों के माध्यम से अनुकरणीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रगति पूरे देश के लिए एक प्रेरक मॉडल है जो बताता है कि मजबूत इच्छाशक्ति और जनसहभागिता से कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता।
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दंतेवाड़ा आने वाले समय में आकांक्षी जिला ही नहीं बल्कि उत्कृष्ट जिला के रूप में अपनी पहचान स्थापित करेगा तथा नीति आयोग हर संभव सहयोग जारी रखेगा ताकि विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुँच सके। उन्होंने कहा कि विकास सूचकांकों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए मैदानी कर्मचारियों की अहम भूमिका है। हमें यह देखना होगा कि इस संबंध में चुनौतियां कहा आ रही है और उसके समाधान के लिए क्या करना चाहिए। इसके लिए व्यक्तिगत दायित्व एवं लक्ष्य भी जरूरी है। अगर हम ठान ले तो व्यवस्था में परिवर्तन किया जा सकता है। और परिवेश और परिदृश्य को बदलने में देर नहीं लगती और यह संकल्प लेना होगा उन्होंने आशा व्यक्त किया कि आगामी बैठक में सभी सूचकांकों में आशातीत परिवर्तन होगें और जिला सभी सूचकांकों में प्रथम स्थान दर्ज करेगा।
शैक्षणिक संस्थाओं का अवलोकन
बैठक के पश्चात केंद्रीय प्रभारी अधिकारी नीति आयोग के द्वारा आस्था विद्या मंदिर, नन्हें परिदें, छू लो आसमान, सक्षम आंगनबाड़ी जैसे संस्थाओं का अवलोकन कर वहां के व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। बैठक में डीएफओ सागर जाधव और अपर कलेक्टर राजेश पात्रे प्रमुख रूप से मौजूद थे।


