सकरी नदी उफान पर, हाफ नदी में बाढ़ का खतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 4 अगस्त। जिले में दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिसके चलते जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। जिला मुख्यालय में पीजी कॉलेज के सामने जल भराव होने के कारण कॉलेज के दो द्वारा बंद कर दिए गए हैं। शहर के कुछ इलाकों में भी निकासी की समस्या है। जिले के नांदघाट तहसील के ग्राम इटाई का संपर्क ढाबापार मार्ग में पुलिया में बाढ़ आने की वजह से कट गया है।
जानकारी होगी बीते 24 घंटे के दौरान जिले के आठ तहसील बेमेतरा, साजा, बेरला, नवागढ़, भिभौरी, देवकर, थान खम्मरिया, नवागढ़ व नांदघाट में 498 एमएम बारिश हुई है। जिले के साजा, थानाखम्मरिया व बिरला में 73 एमएम से अधिक बारिश, बेमेतरा भिभौरी व नांदघाट में 63 से 68 एमएम तक बारिश हुई है। जिले के नवागढ़ ब्लाक में 56 और देवकर 28 एमएम बारिश हुई है। इससे पूर्व बीते बुधवार जिले में 377 एमएम बारिश दर्ज की गई। दो दिनों के दौरान हुई बारिश की वजह से नदी नालों का जलस्तर बढ़ गया है।
पीजी कॉलेज के सामने भरा दो से तीन फीट पानी
शहर में बारिश के बाद निकासी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण सबसे अधिक समस्या पीजी कॉलेज के सामने वह को व्यवहार के लोगों को भी है दोनों स्थानों पर 2 से 3 फीट जलभराव हो चुका है लोगों ने बताया कि कालेज के सामने का हिस्सा बीते 60 साल से बारिश के दिनों में बारिश होने के बाद तालाब बन जाता है जिस के निराकरण के लिए समुचित प्रयास नहीं किया गया है।
लगातार बारिश से खेत खलिहान लबालब, सकरी उफान पर
लगातार चालीस घंटे से जिले में हो रही रुक रुक की बारिश से नवागढ़ विधानसभा के किसानों को बड़ी राहत मिली है पहली बार नवागढ़ राजस्व सर्किल , खंड सरा राजस्व सर्किल के किसानों को धान फसल के अनुकूल पानी मिला है, सकरी में इस बारिश का पहली बाढ़ आया है , इससे नवागढ़ विधानसभा के बेमेतरा ब्लाक के किसानों को केनाल से पानी मिलने में मदद मिलेगी तालाबों में जलभराव की सुविधा होगी, हाफ नदी में दूसरी बार बाढ़ का खतरा बना हुआ है, ग्राम मजगांव निवासी किसान संतोष साहू ने बताया की नदी तट के फसल दूसरी बार बाढ़ के चपेट में हैं, सब्जी की फसल अधिक प्रभावित हुई है, जनपद सदस्य रामवतार निषाद ने कलेक्टर को पत्र देकर बाढ़ प्रभावित किसानों को तत्काल मुआवजा देने की मांग की है।
हाफ नदी सिंचाई के लिए हैं वरदान
बेमेतरा जिले में जल संसाधन विभाग के रिकार्ड में 6 नदी 14 नाले है, नदी में शिवनाथ नाला में गब्दी सर्वाधिक दूरी तय करती है, शिवनाथ से पेयजल एवं जलस्तर बरकरार रखने में मदद मिलती है पर सिंचाई के लिए हाफ एवं सकरी दोनों वरदान से कम नहीं है।
बेमेतरा जिले में कठोतिया से तरपोंगी तक कुल 51 किलोमीटर दूरी तय करने वाली हाफ आर बी सी, एल बी सी से सात हजार हेक्टेयर रकबे को सिंचित करती है, मरजादपुर से गोपाल भैना तक कुल बीस किलोमीटर बहने वाली सकरी दो हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे को सिंचित करती है। शिवनाथ नदी बेमेतरा जिले में बेरला ब्लाक के नंदी सोरही से नवागढ़ ब्लाक के अमल डीहा तक कुल 115 किलोमीटर दूरी तय करती है। फोक नदी पचभैया से घोरेघाट तक कुल 5 किलोमीटर दूरी तय करती है पर बाढ़ का तांडव सबसे अधिक करती है। खारुन इस जिले में 42 किलोमीटर, सुरही नदी 30 किलोमीटर बहती है।
शिवनाथ के लिए योजना नहीं
हाफ, सकरी, फोक, शिवनाथ इन चार नदियों के बाढ़ को नवागढ़ विधानसभा को झेलना पड़ता है, शिवनाथ के कारण नवागढ़ ब्लाक के मगरघटा, तरपोंगी, नादघाट, करम सेन को बाढ़ का नुकसान झेलना पड़ता है, नांदघाट निवासी विजय यादव ने कहा कि यदि शिवनाथ किनारे सोलर सिस्टम से बरसाती पानी को संरक्षित करने की योजना बन जाए तो नवागढ़ ब्लाक के बीस जलाशय लबालब हो जाए, बरसाती पानी रोकने की योजना नहीं बनना चिंताजनक है।
सकरी में आया बाढ़
ईई जल संसाधन सी एस शिवहरे ने बताया कि अब तक हाफ एवं सकरी नदी से कोई डेढ़ हजार हेक्टेयर रकबे में सिंचाई की जा चुकी है, लक्ष्य 9 हजार हेक्टेयर का है गत तीन दिनों में हुई बारिश से खेतो में जलभराव संतोष प्रद होने के कारण केनाल से प्रवाह कम किया गया है, अब प्राथमिकता जलाशय एवम तालाबों में पानी भरने का है जिससे जरूरत के समय उपयोग हो सके। शिवहरे ने बताया कि सकरी नदी में बाढ़ आने से एक बड़े रकबे को सिंचित किया जा सकता है।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सुरुचि सिंह ने कहा कि बेमेतरा अनुविभाग क्षेत्र में कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराई गई है। वही स्कूल व अन्य स्थानों पर विकट स्थिति पर शिविर लगाने कहा गया है। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में हैं।