‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
छुरा, 15 फरवरी। आईएसबीएम विश्वविद्यालय के परिसर में राष्ट्रीय महिला दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में सरोजिनी नायडू के व्यक्तित्व को स्मरण किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में शैक्षणिक अधिष्ठाता डॉ. एन कुमार स्वामी, विशिष्ट वक्ता छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. शुभाशीष बिस्वास, सहायक आचार्य हिन्दी डॉ दिवाकर तिवारी एवं सहायक आचार्य राजनीतिक विज्ञान श्री कृष्ण कुमार उपस्थित रहे।
मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित डॉ. एन. कुमार स्वामी ने कहा कि सरोजिनी नायडू ने नारी सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाया। उनके द्वारा भारतीय साहित्य, राजनीति और समाज सुधार की दिशा में किए गए कार्य आज भी हमें प्रेरणा देते हैं। उन्होंने अन्तराष्ट्रीय मंचों पर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की आवाज़ को बुलंद किया।
छात्र कल्याण अधिष्ठाता डॉ. शुभाशीष बिस्वास ने कहा कि सरोजिनी नायडू बचपन से ही पढऩे लिखने में होशियार थी। उन्होंने देश की महिलाओं को राष्ट्रीय आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। सरोजिनी नायडू महात्मा गांधी, गोपाल कृष्ण गोखले और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जैसी विभूतियों से प्रभावित थीं।
हिन्दी के सहायक आचार्य डॉ. दिवाकर तिवारी ने सरोजिनी नायडू को कवयित्री के रूप में स्मरण करते हुए कहा कि सरोजिनी नायडू की कविताएँ अपने भीतर भारतीय जीवन, संस्कृति, प्रकृति, प्रेम, आध्यात्मिकता और राष्ट्रभक्ति के साथ साथ स्त्री जीवन को भी सामने लेकर आती हैं। वे शब्दों का चयन इतनी कुशलता से करती थीं कि उनकी कविताएँ पढऩे में गीतों की तरह लयबद्ध होती हैं।
राजनीतिक विज्ञान के सहायक आचार्य श्री कृष्ण कुमार ने कहा कि सरोजिनी नायडू ने कांग्रेस के विभिन्न आंदोलनों, विशेष रूप से सविनय अवज्ञा आंदोलन और असहयोग आंदोलन में भाग लिया। वे गांधीजी के नमक सत्याग्रह में भी अग्रणी भूमिका में रहीं।
इस कार्यक्रम का संचालन कला एवं मानविकी संकाय के अध्यक्ष डॉ. अश्वनी कुमार साहू ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन भूगोल विभाग की सहायक आचार्य भामती साहू ने किया। इस कार्यक्रम में अशोक साहू, रमेश कुमार नायक, मुकुल ठाकुर के साथ कला संकाय के छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बनी रही।