महासमुन्द

धान खरीदी के लिए मात्र 3 दिन ही शेष, सहकारी कर्मी हड़ताल पर, तैयारियां शून्य
11-Nov-2024 2:12 PM
धान खरीदी के लिए मात्र 3 दिन ही शेष, सहकारी कर्मी हड़ताल पर, तैयारियां शून्य

अब तक समितियों में बारदाने नहीं पहुंचा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

महासमुंद,11नवंबर। धान खरीदी के महज 3 दिन ही शेष रह गये हैं, लेकिन अब तक समितियों में बारदाने नहीं पहुंचा है। सहकारी कर्मी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर हैं। अत: अब तक सहकारी समितियों में धान खरीदी की तैयारियां शून्य है। यहां तक की साफ सफाई, प्रकाश व्यवस्था सहित स्टेक जमाने के लिये बेस निर्माण जैसे अनेक काम ठप हैं।

पता चला है कि मुख्यमंत्री ने सहकारी कर्मियों से चर्चा के लिए नये प्रतिनिधिमंडल के पास सूचना भिजवाई थी, लेकिन सहकारी कर्मी लिखित आश्वासन दिये जाने की बात पर अड़े हुए हैं। अब यदि आज देर रात तक मांगों को लेकर सुलह हो भी जाये तो भी तैयारियां पूर्ण नहीं पाएंंगी। चूंकि इन तैयारियों को लेकर सप्ताह भर का समय चाहिये। लिहाजा शंका है कि ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में धान खरीदी की तारीख आगे बढ़ाई जा सकती है।

मालूम हो कि धान खरीदी के लिए वित्तीय पॉवर सोसायटी के प्रबंधक के पास होता है। लेकिन वे भी हड़ताल पर हैं। इस वक्त सोसायटी में केवल ऑपरेटर ही काम कर रहे हैं। मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश सरकार ने किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदने हेतु 14 नवंबर की तारीख तय कर रखी है तथा सहकारी सोसायटी के बाध्यम से धान खरीदी हेतु सरकार ने आदेश जारी कर दिए। लेकिन इसी बीच अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर सहकारी कर्मियों ने बेमियादी हड़ताल का रुख अपना लिया है। जिले के सात सौ से अधिक कर्मचारी काम बंद कर हड़ताल पर है। जिससे धान खरीदी की तैयारियों पर विराम लग गया है।

सहकारी कर्मियों का कहना है कि मांगें नहीं सुनी जाने तक वे हड़ताल पर रहेंगे। सरकार की नीतियों के अनुसार इस साल किसानों से बारदाना नहीं लिए जायेंगे। भारत सरकार द्वारा विपणन संघ से प्राप्त नई जूट बारदाना, मिलर्स से प्राप्त पुराने बारदानों एवं सहकारी उचित मूल्य से प्राप्त पीडीएस बारदानों से धान खरीदी की जाएगी। लेकिन उपार्जन केन्द्रों में सहकारी कर्मियों की हड़ताल में जाने के कारण बारदाना खाली नहीं कराया जा रहा है जो धान खरीदी का प्रमुख हिस्सा है। यही नहीं समितियों में हमाल की भी व्यवस्था अभी तक नहीं की गई है। जिससे धान खरीदी के शुरू होने पर संशय है।

गौरतलब है कि रायपुर स्थित धरना स्थल में प्रदेश स्तर की हड़ताल हेतु अनुमति नहीं मिलने के कारण संभाग स्तर पर धमतरी में 4 नवंबर से हड़ताल किया जा रहा है। जिसमें महासमुंद, बलौदाबाजार, गरियाबंद, रायपुर, धमतरी के सहकारी कर्मचारी शामिल हो रहे हैं।

कर्मचारियों के मुताबिक सूखत नहीं तो खरीदी नहीं की मांग पर हड़ताल पर वे डटे रहेंगे। महासमुंद जिला कर्मचारी संघ ने सामूहिक धान खरीदी का बहिष्कार कर दिया है। जयप्रकाश साहू जिलाध्यक्ष सहकारी समिति कर्मचारी संघ, संघ के पदाधिकारी मनीष चंद्राकर, ईश्वर पटेल के मुताबिक हड़ताल का आज आठवां दिन है। मांगें पूरी नहीं होती तो सामूहिक धान खरीद का बहिष्कार किया जाएगा।

धान खरीदी में 3 फीसदी सूखत, चावल वितरण में क्षतिपूर्ति, जिला सहकारी बैंकों के रिक्त पदों पर सेवा नियम के अनुसार हमारी भर्ती, एवं समितियों को प्रति वर्ष वेतन अनुदान मध्यप्रदेश शासन के तर्ज पर हमारी मुख्य मांगें हंै। इन्ही मांगों की पूर्ति हेतु जिले के समस्त कर्मचारी 4 नवंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हंै।

       द्वारिकानाथ क्रांत उपायुक्त, उपपंजीयक का कहना है कि जिला सहकारी कर्मचारी संघ की ओर से अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल में जाने की सूचना मिली है। कर्मचारी संघ की मांगें शासन स्तर की है, जिस पर विचार चल रहा है। समिति में कम्प्यूटर ऑपरेटर व दैनिक कर्मचारियों से काम लिया जा रहा है।

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