बेमेतरा
शुगर के 10584 व हाई बीपी के 13655 नए मरीज मिले
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 9 नवंबर। केन्द्र सरकार द्वारा कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए संचालित कार्यक्रम के तहत जिले में शुगर व उच्च रक्तचाप के मरीजों की स्क्रीनिंग करने के बाद मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। जिले में शुगर के 10584 नए व हाई बीपी के 13655 नए मरीज सामने आए हैं, जिनका उपचार चल रहा है।
नॉन कम्युनिकेबल डिसीज यानी गैर संचारी रोग में शामिल पांच रोग में से शुगर व उच्च रक्तचाप के रोगियों का पता लगाने के लिए शिविर लगाकर जांच की जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा संचालित कार्यक्रम के तहत बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लॉक में 128683 लोगों की जांच की जानी है, जिसमें से 71055 का सैंपल लिया गया है, जिसमें से शुगर के 10584 नए मरीज सामने आए हैं। जिले के लिए नए मरीजों का अनुमानित लक्ष्य 5867 रखा गया था, जिससे 180 फीसदी अधिक मरीज मिले हैं।
साजा ब्लॉक में सबसे अधिक मरीज, लक्ष्य से चार गुना अधिक
नॉन कम्युनिकेबल डिसीज के तहत सभी ब्लॉक के लिए अलग-अलग लक्ष्य तय किए गए थे। साजा ब्लॉक के लिए 990 मरीजों का लक्ष्य तय किया गया था, जिससे चार गुणा से अधिक 4892 नए मरीज मिले हैं, जो जिले में शुगर मरीजों की सबसे अधिक संख्या है। इसी तरह बेमेतरा ब्लॉक में 3559, बेरला 1598 व नवागढ़ में सबसे कम 535 नए मरीज स्क्रीनिंग के दौरान रिपोर्ट आने के बाद मिले हैं। जिले में अनुमानित लक्ष्य के विपरीत नवागढ़ में सबसे कम 44 फीसदी नए मरीज मिले हैं। इस ब्लॉक के लिए 1190 नए मरीज होने के अनुमान के अनुसार लक्ष्य तय किया गया था पर मिले केवल 535 मरीज हैं।
साइकिल व पैदल चलकर किया जा सकता है कंट्रोल
जानकारों के अनुसार आमतौर पर शुगर का लेबल बनाए रखने के लिए सप्ताह में पांच दिन साइकिल चलाना, पैदल चलना, 30 मिनट तक साधारण व्यायाम करने से शुगर व हाई बीपी के मरीजों को लाभ मिलता है। रोकथाम व बचाव के लिए घूमना, नृत्य, योगासन, तैराकी, खेलकूद, बागवानी, घरेलू कार्य, कैलोरी घटाकर लेबल में रखा जा सकता है। हाई बीपी व शुगर के मरीजों को तेल, घी, नमक कम खाने से लाभ मिलता है।
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की रिपोर्ट
जिले में डाइबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीज के मामले में जिला प्रदेश के टॉप टेन में शामिल है, जिसका खुलासा स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट से हुआ है। रिपोर्ट में गैर संचारी रोगों एनसीडी की स्क्रीनिंग और डायग्नोसिस को लेकर रैकिंग जारी की है, जिसमें डाइबिटीज और हाइपरटेंशन के मरीजों को खोजने और इलाज करने में विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी बड़ी वजह हामारी लाइफ स्टाइल है, जिसमें अनियमित खाना, कम सोना, काम का अतिरिक्ति बोझ लेना और एक्सरसाइज न करना है। इस वजह से अर्ली एज में लोग हाइपरटेंशन और डाइबिटीज के शिकार हो रहे हैं। इसके चलते प्रत्येक वर्ष टारगेट के आधार पर जिलेभर मेें 30 वर्ष की उम्र से अधिक के लोगों नियमित रूप से ऐसे रोगियों को स्क्रीनिंग की जाती है। जांच में शुगर व बीपी बढ़ा पाए जाने पर इसकी निशुल्क दवा देकर उनका ट्रीटमेंट शुरू कर दिया जाता है। इसकी वजह हमारा खानपान और जेनेटिक रीजन हो सकता है। अपना खानपान और दिनचर्या को व्यवस्थित नहीं रखते हैं व मोबाइल टीवी ज्यादा देखते हैं।
हाईबीपी के मरीज लक्ष्य से कम पर संतोषजनक नहीं
शुगर की तरह ही हाई बीपी के मरीज के प्रकरण साजा में सबसे अधिक हैं। इस मर्ज के नए मरीज लक्ष्य के विपरीत 180 फीसदी मिले हैं। साजा में हाई बीपी के मरीज का लक्ष्य 3495 रखा गया था, जिससे बढक़र इस ब्लॉक में 6452 नए मरीज मिले हैं। इसके अलावा बेमेतरा में हाई बीपी के 4280, बेरला 2119 व नवागढ़ में 804 नए मरीज समेत कुल 6452 मरीजों की पहचान हुई है। जिले का लक्ष्य 15880 तय किया गया था, जिसके विपरीत 13655 नए मरीज मिले हैं, जिनका उपचार प्रारंभ किया गया है। बीते 1 अप्रैल से 3 नंवबर तक इन मरीजों की पहचान हुई है।
शुगर संतुलित करने जांच की सलाह
मधुमेह को संतुलित करने के लिए डॉक्टरों ने मरीजों को संतुलित आहर लेने, नियमित व्यायाम करने, शराब व तंबाखू का सेवन नहीं करने, शुगर लेबल को बनाये रखने, वजन व रक्तचाप यानी बीपी को संतुलित रखने, कोलेस्ट्रॉल को ना बढऩे देने, नियमित शुगर टेस्ट, किडनी, आंख व पैरों की जांच कराने की सलाह दी जाती है। फिटनेस ट्रेनर किरण सिंह वर्मा ने बताया कि शुगर लेबल को बनाए रखने के लिए व्यायाम बेहतर माध्यम है। इससे इंसुलिन नियंत्रित रहता है। साथ-साथ हृदय रोग की आशंका भी कम होती है।
जिला अस्पताल के डॉ. केडी साहूएमडी मेडिसिन ने बताया कि शुगर व हाई बीपी के मरीजों को खानपान में सतर्कता रखनी चाहिए शुगर व हाई बीपी के मरीजों को लाइफस्टाइल चेंज करने की सलाह दी जाती है। चिकित्सकों की सलाह के अनुसार समय पर दवाई लेने व जांच कराने के लिए कहा जाता है। जिले में लगातार शिविर लगाकर जांच की जा रही है।