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रायपुर, 11 अक्टूबर। ए.आई.डी.ए 2025 के आयोजक ने बताया कि नटवर गोपीकृष्ण पुरस्कार समारोह नवम दिवस ए.आई.डी.ए द्वारा आयोजित नटवर गोपीकृष्ण पुरस्कार समारोह के नवम दिवस का शुभारंभ लखनऊ घराने की मनमोहक कथक प्रस्तुति के साथ हुआ। कलाकारों ने अपनी लय, ताल और भावपूर्ण नृत्याभिव्यक्ति से मंच को जीवंत बना दिया। इस महोत्सव का उद्देश्य नई पीढ़ी को भारतीय शास्त्रीय नृत्यकला की गहराई और मूल्य से परिचित कराना तथा छत्तीसगढ़ में शास्त्रीय नृत्यों के संरक्षण और संवर्धन को प्रोत्साहित करना है।
आयोजक ने बताया कि आज के नृत्यानंदलहरी मंच की विशेष प्रस्तुति छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध भरतनाट्यम नृत्यांगना एम.टी. मृण्मयी द्वारा प्रस्तुत की गई। उन्होंने तंजावूर क्वार्टेट द्वारा रचित प्रसिद्ध पदवर्णम प्रस्तुत किया, जो राग भैरवी और ताल रूपकं में निबद्ध है। इस पदवर्णम में नायिका का प्रेम, विरह और भक्ति भाव का सुंदर चित्रण किया गया है — जहाँ नायिका भगवान शिव के प्रति अपनी गहन अनुरक्ति और चिदंबरम के बृहदेश्वर मंदिर में उनसे मिलने की आकांक्षा को नृत्य के माध्यम से व्यक्त करती है।
आयोजक ने बताया कि मृण्मयी की प्रस्तुति में भरतनाट्यम की तकनीकी निपुणता, भावाभिव्यक्ति और आध्यात्मिकता का अद्भुत संगम देखने को मिला, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शकों ने कलाकार की प्रस्तुति को भरपूर सराहा और छत्तीसगढ़ की इस प्रतिभाशाली नृत्यांगना पर गर्व व्यक्त किया।


