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तीसरे छग कैंसर कॉन्क्लेव से पहले बीएमसी की कार्ट-टी सेल और थेरेप्यूटिक अफेरेसिस कार्यशाला
17-Sep-2025 1:32 PM
तीसरे छग कैंसर कॉन्क्लेव से पहले बीएमसी की कार्ट-टी सेल और थेरेप्यूटिक अफेरेसिस कार्यशाला

रायपुर, 17 सितम्बर। बालको मेडिकल सेंटर ने बताया कि मध्य भारत में कैंसर उपचार के क्षेत्र में अग्रणी बालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) ने अपने वार्षिक ‘छत्तीसगढ़ कैंसर कॉन्क्लेव’ के तीसरे संस्करण से पहले कार्ट-टी सेल और थेरेप्यूटिक अफेरेसिस पर एक विशिष्ट एवं उन्नत कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक हेमेटोलॉजिस्ट्स, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विशेषज्ञ, ब्लड ट्रांसफ्यूजन ऑफिसर्स, तकनीकी विशेषज्ञ और पोस्ट ग्रेजुएट विद्यार्थी शामिल हुए।

सेंटर ने बताया कि कार्यशाला से इस क्षेत्र में प्रिसिजन मेडिसिन और सेल-बेस्ड थेरेपी के नए मानक स्थापित हुए। कार्यशाला का नेतृत्व डॉ. नीलेश जैन (सीनियर कंसल्टेंट एवं हेड, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन एवं ब्लड सेंटर) और डॉ. दिब्येंदु डे (सीनियर कंसल्टेंट, हेमेटोलॉजी, हेमेटो-ऑन्कोलॉजी एवं बीएमटी, बीएमसी) ने किया। यह कार्यक्रम डॉ. राजेश देशपांडे, सीनियर मैनेजर, मेडिकल अफेयर्स एवं क्लिनिकल एप्लीकेशन, फ्रेसीनियस काबी मेडटेक (एशिया पैसिफिक एवं इंटरनेशनल रीजन) के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।

सेंटर ने बताया कि प्रतिभागियों को कार्ट-टी सेल अफेरेसिस, थेरेप्यूटिक अफेरेसिस, हेमेटोपोएटिक स्टेम सेल कलेक्शन और साइटाफेरेसिस की गहन जानकारी और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। सत्र का उद्घाटन करते हुए वेदांता मेडिकल रिसर्च फाउंडेशन (बालको मेडिकल सेंटर) की चिकित्सा निदेशक डॉ. भावना सिरोही ने कहा कि बीएमसी, कार्ट-टी जैसी आधुनिक सेल थेरेपी अपनाकर कैंसर इलाज को और बेहतर और युवा डॉक्टरों को सीखने का मौका दे रहा है।

सेंटर ने बताया कि यह नवाचार कैंसर मरीजों के लिए आशा की किरण है। हमारा लक्ष्य है कि बीएमसी को सेल और जीन थेरेपी का प्रमुख केंद्र बनाया जाए, ताकि भारत में कैंसर उपचार को नई दिशा मिले। कार्ट-टी सेल थेरेपी, एक उन्नत इम्यूनोथेरेपी है, जिसमें मरीज के रक्त से टी-सेल्स निकालकर उन्हें जेनेटिक रूप से इस प्रकार तैयार किया जाता है कि वे कैंसर कोशिकाओं को पहचानकर उनसे लड़ सकें। इसका उपयोग जटिल कैंसर, ऑटोइम्यून बीमारियों और रक्त संबंधी विकारों के उपचार में किया जाता है।


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