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हैदराबाद, 10 मार्च। एनएमडीसी ने बताया कि अमिताव मुखर्जी ने 6 मार्च से एनएमडीसी के चेयरमैन सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के पद पर कार्यभार संभाल लिया है। भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आईआरएएस) के 1996 बैच के अनुभवी अधिकारी श्री मुखर्जी ने भारत के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक कंपनी एनएमडीसी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुँचने से पहले भारत सरकार में विभिन्न पदों पर सेवाएं दी हैं।
एनएमडीसी ने बताया कि अपने दूरदर्शी नेतृत्व के साथ, श्री मुखर्जी मार्च 2023 से सीएमडी (अतिरिक्त प्रभार) और नवंबर 2018 से निदेशक (वित्त) के रूप में एनएमडीसी का मार्गदर्शन कर रहे हैं। वे एनएमडीसी स्टील लिमिटेड तथा लिगेसी आयरन ओर लिमिटेड के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य कर रहे हैं। उनके नेतृत्व में, एनएमडीसी ने वित्त वर्ष 2024 में 45 मिलियन टन उत्पादन को पार करने वाली भारत की पहली लौह अयस्क खनन कंपनी बनकर ऐतिहासिक मील का पत्थर हासिल किया है।
एनएमडीसी ने बताया कि उन्होंने एनएमडीसी को कंपनी के इतिहास में अब तक के सबसे अधिक टर्नओवर और नेटवर्थ तक पहुंचाया है। श्री मुखर्जी ने एनएमडीसी स्टील प्लांट के चालू होने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो अब बस्तर का गौरव बन चुका है। उनके नेतृत्व में कंपनी ने ऑस्ट्रेलिया में स्वर्ण खनन में प्रगति की है और ग्लोबल खनन महाशक्ति बनने की दिशा में कार्ययोजना बनाकर आगे बढ़ चुकी है।
एनएमडीसी ने बताया कि श्री मुखर्जी ने प्रमुख निवेश रणनीतियों को क्रियान्वित करने, वित्तीय अनुशासन को मजबूत करने तथा एनएमडीसी को जिम्मेदार खनन के भविष्य की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व में नवरत्न कंपनी 2030 तक 100 मिलियन टन की खनन क्षमता बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर बढ़ रही है। यह नियुक्ति बहुआयामी अनुभव और दृढ़ आकांक्षाओं के साथ खनन क्षेत्र में अग्रणी व्यक्ति के रूप में भारत के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य पर उनके प्रभाव को रेखांकित करती है।