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रायपुर, 1 फरवरी। साईं बाबा अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र सर्जन/डायरेक्टर डॉ. आशीष महोबिया ने बताया कि साईं बाबा अस्पताल अब एक नई क्रांतिकारी तकनीक के साथ अपने मरीजों को राहत प्रदान करने के लिए तैयार है। अस्पताल में अब टचलेस लेसिक सर्जरी छत्तीसगढ़ की नवीनतम मशीन से की जा रही है। तथा जो मोतियाबिंद ऑपरेशन करवा कर नाखुश है.उनका किसी भी उम्र में रु्रस्ढ्ढ्य लेजर कर के चश्मे से आजादी दिलाई जा सकती हैं।
डॉ. महोबिया ने बताया कि इस नई प्रक्रिया के माध्यम से, लेसिक सर्जरी बिना किसी शारीरिक संपर्क के पूरी होती है। इसका मतलब है कि मरीजों को स्पर्श भी नहीं होता और इन्जेक्शन के दर्द का सामना नहीं करना पड़ता और यह सर्जरी पूरी तरह से सुरक्षित और रोबॉटिक होती है। इससे रिकवरी स मय भी कम हो जाता है और मरीज जल्दी ठीक हो जाते हैं। हमने अपने कम उम्र के मरीजों के लिए अपनी सुविधा में यह नया टचलेस लेसिक शुरू की है, जो मरीजों को बिना किसी स्पर्श या परेशानी के चश्मे से मुक्ति दिलाने में मदद करती है। यह तकनीक आधुनिक और उन्नत उपकरणों द्वारा समर्थित है, जिससे मरीज को बेहतरीन परिणाम मिलते हैं।
डॉ. महोबिया ने बताया कि यह मध्य भारत की नवीनतम मशीन है रोबोटिक मशीन होने के कारण इसमें त्रुटि होने की कोई भी संभावना नहीं है इसमें टोपो गाइडेड रु्रस्ढ्ढ्य *(जिसे अन्य मशीनों में कंटूरा विजन का नाम दिया गया है)* यह उसका सबसे नवीनतम सॉफ्टवेयर है। यह नई तकनीक अस्पताल में विश्वस्तरीय सेवाओं के साथ मरीजों के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इस प्रक्रिया को अपनाने से मरीज को कम से कम समय में अपने दृष्टि में सुधार महसूस होता है, और उन्हें सामान्य जीवनशैली में वापस लौटने में कोई कठिनाई नहीं होती।
डॉ. महोबिया ने बताया कि जो मरीज़ मोतियाबिन्द का ऑपरेशन करवा रहे है यह मोतियाबिंद ऑपरेशन करवा कर खुश नहीं है उनको अब नए ्र ढ्ढ बेस्ड तकनीक से फायदा मिलेगा।