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रायपुर, 25 जनवरी। ईपीएफओ ने बताया कि भविष्य निधि सदस्यों के लिए सेवाओं में सुधार लाने तथा सदस्य डेटा की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दर्शाने के लिए, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सदस्य प्रोफ़ाइल अद्यतनीकरण की प्रक्रिया को और सरल किया है।
ईपीएफओ ने बताया कि संशोधित प्रक्रिया के तहत, जिन सदस्यों का यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (्रहृ) पहले से ही आधार के माध्यम से मान्य है, वे अपना प्रोफ़ाइल नाम, जन्म तिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, पिता-माता का नाम, वैवाहिक स्थिति, पति/पत्नी का नाम, सेवाग्रहण करने की तिथि तथा नौकरी छोडऩे की तिथि आदि को बिना किसी दस्तावेज़ को अपलोड किए अपडेट कर सकते हैं। केवल कुछ मामलों में, जहाँ दिनांक 01.10.2017 से पहले यूएएन प्राप्त किया गया था, डॉटा अपडेट करने के लिए केवल नियोक्ता के प्रमाणीकरण की आवश्यकता होगी।
ईपीएफओ ने बताया कि डेटाबेस में ईपीएफ सदस्य के व्यक्तिगत डेटा की स्थिरता और प्रामाणिकता यह सुनिश्चित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण है कि सेवाएँ निर्बाध रूप से प्रदान की जाए तथा सदस्योंँ के भविष्यल निधि एवं पेंशन निधि से गलत/धोखाधड़ी वाले भुगतान से बचा जा सके। सदस्य विवरण को बदलने या सही करने की आवश्यकता होने पर सदस्यों को पहले से ही सुविधा उपलब्ध कराई गई थी जिसके माध्येम से वे आवश्यक दस्तावेज़ अपलोड कर सकते थे और अपने अनुरोध ऑनलाइन दर्ज कर सकते थे।
ईपीएफओ ने बताया कि ऐसे आवेदनों को नियोक्ता द्वारा ऑनलाइन अनुमोदन किया जाता था और अंतिम अनुमोदन के लिए कर्मचारी भविष्ये निधि संगठन को भेज दिया जाता था। वित्त वर्ष 2024-25 में नियोक्ताओं के माध्यम से डॉटा में सुधार के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन को प्राप्त कुल 8 लाख आवेदनों में से लगभग 45त्न आवेदनों को ईपीएफओ में नियोक्ता के सत्यापन या अनुमोदन के बिना सदस्य द्वारा स्वयं अनुमोदित किया जा सकता है।
ईपीएफओ ने बताया कि औसतन यह संयुक्त घोषणाओं (जेडी) को मंजूरी देने में नियोक्ता द्वारा लगने वाली लगभग 28 दिनों की देरी को समाप्त कर देगा। ईपीएफ खाताधारकों के पास पूर्ण ई-केवाईसी नहीं होने के कारण उनके परिवर्तन/सुधार के आवेदन को नियोक्ता स्तर पर लगभग 50त्न मामलों में ईपीएफओ में किसी अनुमोदन की आवश्यकता के बिना ही अनुमोदन मिल जाएगा।