कारोबार

रायपुर, 30 दिसंबर। चरामेति फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र ओझा ने बताया कि विभिन्न भाषा / बोलियों की सामग्री एकत्रित करने के सिलसिले में रायपुर के राजेंद्र ओझा ने पत्रिकाओं के क्षेत्र में भी एक अलग काम किया है। आपने 10 से अधिक भाषाओं की 125 से अधिक पत्रिकाएं एकत्रित की हैं एवं इस संकलन को लगातार और बढ़ा रहे हैं।
श्रो ओझा ने बताया कि आपके संकलन में हिंदी की अनेक पत्रिकाएं तो हैं ही छत्तीसगढ़ी की हमर चिन्हारी, छत्तीसगढ़ी लोकाक्षर, सुरहुत्ती, बिहार की सारथी, मगही संवाद,: बजिनाद, टोला - टोटी, अलका मागधी, झारखंड की अखड़ा, पांचपरगना, कर्नाटक की कोंकणी एवं बेयरी भाषा की पनवार तथा बेलकिरी, राजस्थान की राजस्थानी, वागड़ी, मारवाड़ी भाषा की राजस्थली, ओणख, वागड़ पत्र, महाराष्ट्र की गोरमाटी भाषा की आरोणी, तेलुगू भाषा की कला योति , साहिथी किरणम् आदि, गुजराती भाषा की श्रीमाली समन्वय, चित्रलेखा, वि - विद्यानगर, आदि अनेक पत्रिकाएं एकत्रित हैं। पत्रिकाओं सहित कैलेंडर आदि के संकलन को शोधार्थी छात्र कभी भी देख सकते हैं।