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रायपुर, 19 दिसंबर। गुरुदेव श्रीश्री रविशंकर ने बताया कि वर्तमान समय में विश्व जिन समस्याओं से जूझ रहा है, उनमें सबसे बड़ी समस्या मानसिक स्वास्थ्य की है। आज एक ओर लोगों में आक्रामकता और हिंसा बढ़ रही है तो दूसरी ओर वे अवसाद और आत्महत्या की प्रवृत्ति से पीडि़त हो रहे हैं।
गुरुदेव ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन, डब्ल्यूएचओ के अनुसार, आज 1 अरब से अधिक लोग विभिन्न मानसिक रोगों से ग्रस्त हैं। यह एक स्वस्थ समाज की निशानी नहीं है। किसी भी समाज के विकास और समृद्धि के लिए इन चुनौतियों का समाधान करना बहुत आवश्यक है और ऐसा केवल ध्यान के माध्यम से ही किया जा सकता है। ध्यान जीवन की गहरी समझ लाता है। हमारा जीवन प्रकृति का दिया हुआ सबसे अनमोल उपहार है किंतु हम इस उपहार को सदैव आवरण में लपेट कर रखे रहते हैं, कभी खोलते ही नहीं। जरा कल्पना करें कि कोई आपको उपहार दे और आप उसे खोलें भी नहीं, तो आप उसकी सुंदरता का आनंद कैसे उठाएंगे?
गुरुदेव ने बताया कि हम कभी शरीर रूपी आवरण को निहारते रहते हैं, कभी उसमें दोष निकालते हैं या फिर उसकी प्रशंसा करते हैं लेकिन हम उसके भीतर के आत्मारूपी कोष की खोज नहीं करते। हममें से प्रत्येक व्यक्ति आनंद और अनुग्रह का स्रोत है। इसका अनुभव करने के लिए, जीवन के वास्तविक आनंद और सुंदरता को पाने के लिए आपको पाँचों इंद्रियों से परे जाने की आवश्यकता है।