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रायपुर, 4 मार्च। आईआईएम रायपुर ने बताया कि डॉ. प्रकाश बाबा आमटे और डॉ. मंडाकिनी आमटे के साथ 15वीं संस्करण को ज्ञानवर्षा का आयोजन किया है। भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर (आईआईएम रायपुर) ने गर्व से 2 मार्च 2024 को ज्ञानवर्षा के 15वें संस्करण का आयोजन किया, जिसमें प्रमुख मेहमान डॉ. प्रकाश बाबा आमटे और डॉ. मंडाकिनी आमटे शामिल थे।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि इस घड़ी में, जो कि समुदायों को जोडऩा: सामाजिक प्रभाव और संरक्षण विषय पर आयोजित किया गया था, ने प्रसिद्ध मानवीय जोड़े के प्रशंसनीय कार्य और साझा दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि डॉ. प्रकाश बाबा आमटे, एक प्रमुख चिकित्सक, सामाजिक कार्यकर्ता, और मानवतावादी, लोक बिरादरी प्रकल्प, हेमलकासा के संस्थापक हैं, जो डंडकारण्य वन क्षेत्र में मादिया गोंद जनजाति के समृद्धि के लिए समर्पित हैं। उनके अथक प्रयासों ने समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और मानव-पशु संबंधों में समरसता को बढ़ावा देने में उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया है, जैसे कि रामन मैगसेसे पुरस्कार और पद्म श्री।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि डॉ. मंडाकिनी आमटे, एक समर्पित चिकित्सक और मादिया गोंद जनजाति के प्रवक्ता, लोक बिरादरी प्रकल्प, हेमलकासा की सफलता में 1974 से हैं। उनके मानवीय चिकित्सा सेवाओं में योगदान ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कराई है, जैसे कि आदिवासी सेवक पुरस्कार और शेख हमदान अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि डॉ. प्रकाश बाबा आमटे ने अपने सेवाओं के सफलता के बारे में जानकारी साझा की, विशेषकर दूरस्थ क्षेत्रों में, जैसे कि मादिया गोंद जनजाति। उन्होंने उन चुनौतियों को बताया जो सुपरिस्तित धरोहर और प्रथाओं का समर्थन करते हुए आधुनिक चिकित्सा प्रस्तुत करने में होती हैं।
आईआईएम रायपुर ने बताया कि इसके अलावा, उन्होंने शिक्षा की परिवर्तनात्मक शक्ति पर जोर दिया, जिससे व्यक्तियों को सशक्त बनाने में सहारा मिलता है, जो उन्हें उनका अधिकार समझने और आत्म-सहारा के लिए व्यावसायिक कौशल प्राप्त करने की क्षमता प्रदान करता है।