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कैट ने जीएसटी प्रावधान-पालन हेतु समय मांगा ,केंद्र-राज्य से वित्तीय पैकेज की मांग
28-May-2021 1:48 PM
 कैट ने जीएसटी प्रावधान-पालन हेतु समय मांगा ,केंद्र-राज्य से वित्तीय पैकेज की मांग

रायपुर, 28 मई। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, चेयरमेन अमर गिदवानी, मगेलाल मालू, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीडिय़ा प्रभारी संजय चौबे ने बताया कि बहुप्रतीक्षित जीएसटी कॉउंसिल की बैठक से पूर्व कैट ने केन्द्र-राज्य से विभिन्न जीएसटीआर रिटर्न की तारीख 31 अगस्त तक बढ़ाने की मांग की। 

कैट ने बताया कि जीएसटी अधिनियम और नियमों के तहत लगने वाले विलंब शुल्क और ब्याज को इस अवधि के लिए समाप्त किया जाए। यह भी आग्रह किया है कि कोविड महामारी और ब्लैक फंगस के इलाज के लिए आवश्यक सभी चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी की दर को भी काफी कम किया जाए। व्यापारियों के लिए वित्तीय पैकेज और बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण पर छह महीने की मोहलत की भी मांग की है।

श्री पारवानी ने सीतारमण को भेजे पत्र में कहा कि वर्तमान कोरोना वायरस महामारी जिसने पूरे देश में व्यवसायिक गतिविधियों को अत्यधिक बाधित कर दिया है, देश के घरेलू व्यापार को काफी हद तक तबाह कर दिया है। ऐसे  समय में जब व्यापारी पिछले वर्ष के लॉक डाउन के कारण कठिनाइयों में आये व्यापार को संकट से उबार ही रहे थे ऐसे में कोरोना की दूसरी लहर के कारण एक बार फिर व्यापारियों को लॉक डाउन का सामना करना पड़ा है जिसके चलते व्यापारियों को लॉक डाउन खुलने के बाद एक बड़े वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा।

कैट ने आग्रह किया है कि सरकार बैंकों को निर्देश जारी करे की  ईएमआई, ब्याज आदि के भुगतान के लिए छह महीने की अवधि का एक मोरोटोरियम घोषित हो। श्री पारवानी ने कहा कि चूंकि व्यापारी सरकार के मानद कर संग्रहकर्ता हैं, इसलिए हमें केंद्र और राज्य सरकारों से ऐसी वित्तीय सुविधाओं की मांग करने का पूर्ण अधिकार है। गौरतलब है कि पिछले साल पिछले लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों को एक भी पैकेज में एक रुपया भी नहीं दिया गया था।


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