बीजापुर
परिजनों का फूटा दर्द, अधीक्षिका पर कार्रवाई की मांग
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 20 दिसंबर। बीजापुर जिले के उसूर विकासखंड के तहत संचालित पोटाकेबिन आवापल्ली में अध्ययनरत कक्षा छठवीं की छात्रा मनीषा सेमला की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस हृदयविदारक घटना की जांच के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित जांच दल ने घटनास्थल और पीडि़त परिवार से मुलाकात कर पूरे मामले की पड़ताल की।
जांच दल के संयोजक एवं पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष कमलेश कारम के नेतृत्व में दल ने सर्वप्रथम पोटाकेबिन आवापल्ली पहुंचकर मनीषा की सहपाठी छात्राओं एवं संस्था के शिक्षकों से घटना के संबंध में विस्तृत चर्चा की। इसके पश्चात दल मृतक छात्रा के गृहग्राम गुंडम पहुंचा, जहां परिजनों से बातचीत कर उनकी पीड़ा और आरोपों को सुना।
परिजनों ने जांच दल को बताया कि मनीषा की मौत पोटाकेबिन की अधिक्षिका कमला ककेम की गंभीर लापरवाही का परिणाम है। उनका आरोप है कि यदि समय रहते मनीषा का समुचित इलाज कराया जाता, तो शायद आज उनकी बेटी जीवित होती। परिजनों का कहना है कि उन्होंने बार-बार स्वास्थ्य बिगडऩे की जानकारी दी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया।
जांच दल ने छात्राओं, शिक्षकों और परिजनों से प्राप्त तथ्यों के आधार पर प्रारंभिक निष्कर्ष में माना कि मनीषा सेमला की मौत लापरवाही का मामला है। दल ने जिला प्रशासन से मांग की कि इस प्रकरण में दोषी अधीक्षिका के विरुद्ध तत्काल और कठोर कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
मृतक छात्रा के परिजनों ने भी जांच दल के माध्यम से जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि दोषियों को दंडित किया जाए, ताकि अन्य बच्चों की जान के साथ खिलवाड़ न हो।
इस अवसर पर जांच दल में संयोजक कमलेश कारम के अलावा सोनू पोटाम, मनोज अवलम, सरस्वती वासम, अनिता तेलम, राजेश वासम, बोधि ताती, लक्ष्मलु पाबा, मुन्ना कुरसम, शंकर खटबीना, विनोद तालुकदार, गणपत वासम सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


