बीजापुर

दिल की बीमारी से जूझ रही मासूम शांभवी का रायपुर में होगा इलाज
02-Sep-2025 8:21 PM
दिल की बीमारी से जूझ रही मासूम शांभवी का रायपुर में होगा इलाज

स्वास्थ्य मंत्री ने भोपालपटनम से आए परिवार को दिया इलाज का भरोसा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

रायपुर, 2 सितंबर। बीजापुर जिले भोपालपटनम ब्लॉक के वरदली गांव की 7वीं कक्षा में पढऩे वाली 11 वर्षीय शांभवी गुरला की मासूम आंखों में एक ही सवाल था— पापा, मुझे क्या हुआ है, मैं ठीक हो जाऊंगी ना?

खेती-किसानी कर परिवार का गुजारा करने वाले उसके पिता इस सवाल पर अक्सर चुप हो जाते थे। तीन महीने पहले जिला अस्पताल बीजापुर में जब डॉक्टरों ने बताया कि शांभवी को रियूमेटिक हार्ट डिजीज (आरएचडी) है, तो पिता के पांव तले जमीन खिसक गई। डॉक्टरों ने रायपुर में इलाज कराने की बात कही, लेकिन परिवार को लगा कि रायपुर में इलाज में तो बहुत ज्यादा खर्च लगता होगा, ये सोच कर परिवार की उम्मीदें टूटने लगीं।

घर में हर रोज यही चर्चा होती—‘अब क्या होगा? हम अपनी बेटी का इलाज कैसे कराएंगे? ’

मां रोती और शांभवी को सीने से लगाकर कहती—‘बेटा, सब ठीक होगा।’ लेकिन उसके पिता की आंखों में चिंता साफ झलकती थी। आखिरकार उन्होंने हिम्मत जुटाई और बेटी को लेकर सीधे स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के पास पहुंचे।

 स्वास्थ्य मंत्री ने बच्ची से मुलाकात की और तुरंत ही रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट में डॉ. स्मित श्रीवास्तव से बात की। स्वास्थ्य मंत्री ने निर्देश दिया कि इलाज तुरंत शुरू किया जाए। खर्च की चिंता मत करें, सरकार पूरी जिम्मेदारी लेगी। स्वास्थ्य मंत्री की यह बात सुनते ही शांभवी की मां की आंखों से आंसू बह निकले। उन्होंने कांपती आवाज़ में कहा— ‘मंत्री जी, आप हमारी बेटी को नया जीवन दे रहे हैं। आप हमारे लिए किसी डॉक्टर से कम नहीं।’

स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर शांभवी को इलाज के लिए एसीआई रायपुर में लाया गया है। यहां डॉक्टरों की टीम उसकी जांच करेगी और उसका इलाज शुरू करेगी। गौरतलब है कि सरकार का यह कदम सिर्फ एक बच्ची के लिए नहीं, बल्कि राज्य के हर एक गरीब परिवार के लिए भरोसे का संदेश है।

अब माता पिता के चेहरे पर खुशी के भाव देखकर आज शांभवी भी मुस्कुरा रही है और पिता से बार-बार पूछती है— ‘पापा, मैं जल्दी खेल पाऊंगी ना?’ और इस बार पिता की आंखों में आंसू नहीं, बल्कि उम्मीद की चमक है।


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