बीजापुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 21 फरवरी। भोपालपटनम ब्लॉक में जहां कांग्रेस का गढ़ माना जाता था, वहां त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में भाजपा ने अपना परचम लहराते हुए भारी मतों से जीत हासिल की है।
भाजपा ने कांग्रेस का सूपड़ा साफ करते हुए भारी मतों से विजय प्राप्त की है। जिला पंचायत क्रमांक 01 से आज तक भाजपा ने अपना खाता नहीं खोला था, उस इलाके में जनता ने पटखनी दे दी है। दिग्गज नेता को पछाड़ते हुए भारी मत बटोरे हैं, वहीं भोपालपटनम ब्लाक की दूसरी सीट मद्देड़ में भी भाजपा आई है। यहां चार प्रत्याशी मैदान में थे।
जनपद पंचायत की 10 सीटों में 8 भाजपा के कब्जे में है। सरपंच पद के उम्मीदवार अधिकतम भाजपा समर्पित जीतकर आए हैं। उसूर ब्लॉक के दिग्गज नेता व जिला पंचायत उपाध्यक्ष रहे कमलेश काराम को भी जनता ने नकार दिया है। पामेड़ सीट में भी भाजपा काबिज हो गई है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दो चरणों के हुए मतदान में भाजपा के खाते में पांच सीट, कांग्रेस के खाते में एक और एक निर्दलीय पर काबिज हैं।
नक्सलगढ़ में बुलेट पर भारी पड़ गया बैलेट, जमकर मतदान
बीजापुर जिले के भोपालपटनम और उसूर ब्लॉक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में जमकर वोट डले हैं। दूसरे चरण में हुए मतदान में नक्सल प्रभावित इलाकों में बुलेट पर भारी बैलेट पड़ गया है। पिछले बार के मुकाबले इस बार ग्रामीणों ने जमकर वोट डाला है। सुबह 5 बजे से ही मतदान केंद्रों में लंबी कतार लगी हुई थी। मतदान का समय समाप्त होने के बाद पोलिंग बूथों में लंबी कतार लगी हुई थी, रात तक मतदाता लाइन में खड़े होकर अपना नेता चुने हैं।
पंचायत चुनाव का रिकॉर्ड टूटा
भोपालपटनम जनपद में 72.28 प्रतिशत मतदान हुआ है, वहीं उसूर ब्लॉक के जनपद पंचायत में 49.2 प्रतिशत मतदान हुआ हैं उसूर ब्लाक में पिछली बार के मुकाबले अधिक मतदान हुआ है।
क्यों हारी कांग्रेस?
पंचायत चुनाव में कांग्रेस की हार का सबसे बड़ा कारण गुटबाजी रहा है। कई जगह से कांग्रेस समर्पित दो-दो प्रत्याशी खड़े हुए हैं। कई नेता बागी होकर चुनाव के मैदान में उतर गए। वहीं, दूसरी तरफ चुनावी मैदान में प्रचार और लोगो से संपर्क साधने में कांग्रेस फीकी रही हैं उनके पास इस बार कोई रणनीति नहीं थी और भाजपा वालों ने रणनीति के तहत काम किया हैं।
बीजेपी क्यों जीती
बीजेपी ने प्रत्याशियों को खड़ा करने के लिए गहरा मंथन किया हैं और इलाके में महिला वोटर्स को साधने के लिए कार्यकर्ताओं ने पूरी कोशिश की। योजनाओं को लेकर एक-एक मतदाताओं के पास गए हैं। कांग्रेस को हराना आसान नहीं था, इन्होंने मास्टर प्लान के साथ काम किया है।
महतारी वंदन योजना का असर
देखा गया है कि शहरी वोटर्स को आमतौर पर बीजेपी का वोटर माना जाता है। महतारी वंदन योजना का लाभ अधिकतर ग्रामीण महिलाओं की तरफ होता है। पुरुषों की अपेक्षा महिला वोट ज्यादा है, वहीं महिला मतदाता बढ़-चढक़र वोटिंग के लिए निकलीं। अधिकतर महिलाओं ने बीजेपी के पक्ष में वोटिंग की। महिलाओं की एकतरफा वोटिंग से बीजेपी को फायदा हुआ है।