बीजापुर

नक्सलियों के फरमान के बाद सीआरपीएफ में भर्ती होने वाले दो परिवारों ने छोड़ा गांव
04-Jul-2023 9:18 PM
नक्सलियों के फरमान के बाद सीआरपीएफ में भर्ती होने वाले दो परिवारों ने छोड़ा गांव

  परिजन नहीं चाहते किसी प्रकार की कार्रवाई-एएसपी   

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर,  4 जुलाई।
जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के एक गांव  के दो परिवार को नक्सलियों ने गांव छोडऩे का फरमान जारी किया है। नक्सली फरमान के बाद वे परिवार सहित दंतेवाड़ा जिले के एक गांव में शरण लिए हुए हैं। 

बताया जाता है कि इन दो परिवारों के तीन युवक सीआरपीएफ में भर्ती होकर प्रशिक्षण ले रहे हैं। ये ग्रामीण जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांव के हैं, जहां नक्सलियों की गहरी पैठ है।

एएसपी चंद्रकांत गवर्ना इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा कि सूचना मिली है। परिजन गांव छोड़े हैं। लेकिन वे कोई कार्रवाई नहीं चाहते।

 जानकारी अनुसार नक्सलियों ने दो परिवार को अपना घर गांव खेती छोड़क़र जाने पर मजबूर कर दिया है। दोनों परिवार के 11 लोग घर सामान समेट कर एक वाहन में सुरक्षित स्थान दंतेवाड़ा जिले के गांव की तलाश की है। 

किसान परिजनों के सामने सबसे बड़ी समस्या खेती-बाड़ी छोडऩे की है, लेकिन जान बचाना भी जरूरी है। नक्सली फरमान नहीं मानते हैं तो जान से हाथ धोना भी पड़ सकता है। इन सब मजबूरी से इन परिवारों ने फैसला लिया है। 

जानकारी में यह बात सामने आई है, कि नक्सलियों ने परिवार के एक युवा सदस्य को रस्सी से बांधकर जंगल की तरफ ले जाकर गांव छोडऩे व खेती-बाड़ी नहीं करने की हिदायत दी है। 

मिली जानकारी अनुसार सोमवार रात में 30- 35 हथियार बंद नक्सलियों ने उक्त युवक के बड़े भाई को बंधक बनाकर जंगल ले गये। जंगल में मीटिंग कर गांव छोडऩे कहा। उसके बाद  खेती-बाड़ी नहीं करने की हिदायत दी। अल्टीमेटम के बाद परिवार सामानों के साथ जान बचाने के लिए गांव छोड़ दिया है। 

सूत्रों ने बताया दो परिवार के करीब 11 सदस्य गांव छोड़ कर पड़ोसी जिले में बसने के लिए निकल गये। परिजनों ने दो पिक़़अप में सामानों को लादकर गांव से जाने चले गए। अब ये ग्रामीण दंतेवाड़ा में अपना अस्थाई बसेरा बसाएंगे।

पत्नी को नहीं मालूम की पति सीआरपीएफ में भर्ती हुआ
जो तीन युवक सीआरपीएफ में भर्ती हुए, उसमें से एक युवक की पत्नी ने कंहा कि पति सीआरपीएफ में कब भर्ती हुए मुझे भी नहीं मालूम। लेकिन बड़ी बात यह है कि माओवादियों को इसकी जानकारी थी।


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