बीजापुर

जिपं अध्यक्ष ने साधा पूर्व मंत्री पर निशाना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 22 अगस्त। बीजापुर में भाजपा व कांग्रेस नेताओं में जुबानी जंग तेज होती जा रही है। जिस तरह से पूर्व मंत्री महेश गागड़ा भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर विधायक व प्रशासन पर तीखे हमले बोलकर लगातार उन पर निशाना साध रहे हैं, वहीं कांग्रेस के नेता भी पूर्व मंत्री व भाजपा पर जवाबी हमले कर रहे हैं।
बीजापुर के जिला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडिय़म ने भाजपा और पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि भाजपा और महेश गागड़ा का जन अधिकार यात्रा केवल नौटंकी रहा। उनके जन अधिकार यात्रा से क्षेत्र की जनता स्वयं ही दूर रही। उन्होंने कहा कि जनता का समर्थन नहीं मिलने से गागड़ा व भाजपा पूरी तरह हताश, निराश और परेशान है। इसी कारण वे विधायक विक्रम मंडावी और जि़ला प्रशासन पर अनर्गल बयान बाज़ी कर मीडिया में बने रहना चाहते हंै।
जि़ला पंचायत अध्यक्ष शंकर कुडियम ने अपने विज्ञप्ति में आगे कहा कि भाजपा और मंत्री रहे महेश गागड़ा की सरकार में पंचायतों के अधिकारों को लगभग ख़त्म कर दिया गया था।बीजापुर जि़ले के पंचायतों को विभिन्न योजनाओं से आबंटित होने वाली राशि का उपयोग राजधानी रायपुर में टॉवर लगाने के लिए खर्च किया जाता था।जिससे की जिले के पंचायतों का अस्तित्व ही समाप्त हो। पूर्व विधायक महेश गागड़ा को क्षेत्र की जनता और जिले भर के सरपंचों को यह बताना चाहिए कि बीजापुर जिले के पंचायतों के पैसे से राजधानी रायपुर में टॉवर लगाने के पीछे इनकी मंशा क्या थी..?
जि़ला पंचायत अध्यक्ष कुडियम ने आगे कहा कि जब से प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार बनी है, तब से जिले के पंचायतों में विकास को गति मिली है। पंचायत प्रतिनिधि अब सीधे अपने विधायक व जि़ला प्रशासन से विकास कार्यों को लेकर मिल रहे है। क्षेत्र का लगातार विकास हो रहा है।
पूर्व विधायक महेश गागड़ा को क्षेत्र के पंचायत प्रतिनिधियों को और जनता को यह भी बताना चाहिए कि वे मंत्री रहते अपने कार्यकाल में पंचायतों के लिए क्या क्या कार्य किए हंै और कितने बार पंचायतों के प्रतिनिधियों से मिले है ? उनकी कितनी समस्याओं का समाधान किया है ?
आज जब प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की सरकार ने पंचायतों के अधिकारों को सुरक्षित करने की मक़सद से पंचायतों को और अधिक अधिकार दे रही है तो भाजपा और महेश गागड़ा जानबूझकर पंचायतों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर पंचायतों एवं पंचायतों के जनप्रतिनिधियों का अपमान करने में लगे हंै।