बीजापुर
आंदोलन, धरना व रैली में सरकार द्वारा लगाए प्रतिबंध के विरोध में दिया धरना
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 16 मई। राज्य सरकार ने धरना, रैली व आंदोलन में प्रतिबंध लगाते हुए गाइडलाइन जारी किया है। जिसे भाजपा ने काला कानून करार देते हुए इसकी मुखालफत करते हुए पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के नेतृत्व में आज बड़ी संख्या में भाजपाइयों ने गिरफ्तारी दी।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने धरना प्रदर्शन, रैली व आंदोलन के लिए नया गाइडलाइन जारी किया है। जिसे भारतीय जनता पार्टी ने काला कानून करार देते हुए बीजापुर में भाजपा ने एक दिवसीय धरना देते हुए जेल भरो आंदोलन कर पूर्व कैबिनेट मंत्री गागड़ा समेत सैकड़ों भाजपाइयों ने गिरफ्तारी देकर विरोध दर्ज कराया। धरना प्रदर्शन में भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीनिवास मुदलियार ने क्षेत्र में हो रही भ्रष्टाचार को लेकर स्थानीय विधायक को जमकर लताड़ा।
उन्होंने भाजपा काल में हुए विकास और कांग्रेस के तीन साल में हुए विकास पर बहस की खुली चुनौती दी। वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री महेश गागड़ा ने धरना प्रदर्शन में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का धरना रैली के लिए जारी गाइडलाइन काला कानून है। अंग्रेजों ने भारतीयों की आवाज को दबाने जिस कानून को बनाया था,आज स्वतंत्र समाज में वही कानून से जनता की आवाज को दबाने का प्रयास सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार के प्रति जनता की बड़ते आक्रोश को देखते हुए भूपेश बघेल ने जनाक्रोश को रोकने के लिए यह कानून लाया है, परन्तु भाजपा इसे राज्य में चलने नहीं देगी।
श्री गागड़ा ने स्थानीय मुद्दों पर स्थानीय विधायक को भी घेरा। उन्होंने कहा कि विधायक अपना स्वार्थ साधने के लिए जनता की आवश्यकताओं को दरकिनार कर अपनी स्वार्थसिद्धि में लीन है। ऐसे विधायक को दोबारा चुनकर पाप नहीं करना है। इसलिए जागरूकता दिखाते हुए आने वाले समय में मुहतोड़ जवाब देना है।
श्री गागड़ा ने विधायक पर आदिवासियों के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि विधायक आदिवासियों से अनेक वादा किये थे, लेकिन आज सत्ता मिलते ही वे उन वादों से मुकर गये हैं।
धरना के बाद रैली की शक्ल में सैकड़ों भाजपाई कलेक्टर कार्यालय घेरने निकले थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें इंदिरा मार्केट के पास रोक दिया। यहां पुलिस ने पहले से ही बैरिकेट बनाकर रखा था। जहां कार्यकर्ताओं को रोका गया और अस्थाई जेल मिनी स्टेडियम में रखने बाद जमानत मुचलके पर पूर्व मंत्री गागड़ा सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं को छोड़ा गया।


