बीजापुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 20 मार्च। गुरुवार को मद्देड थाना के अंतर्गत अंगमपल्ली गांव में यालम शंकर की नक्सलियों ने हत्या करने की जिम्मेदारी ली है। मद्देड एरिया कमेटी माओवादियों ने प्रेस नोट जारी कर लिखा है कि ग्रामीण यालम शंकर पुलिस मुखबिरी का काम करता था इसलिए उसे मौत की सजा दी गई है।
माओवादियों ने लिखा है कि पिछले साल 2019 से ही हमारे पार्टी युवा क्रांति विरोध बनकर पुलिस मुखबिरी कार्य कर रहा था पुलिस अधिकारियों के फायदे के लिए मुखबिरी बनकर हमारे पार्टी की गतिविधियां इनपुट लेकर मद्देड टीआई सहित बीजापुर एसपी तक जानकारी देता था हमेशा दिन-रात कई तरह के काम से जाने की बात बताते हुए उनके द्वारा बनाए वाले नेटवर्क को मजबूत कर हमारे ऊपर निगरानी करने का काम कर रहा था यालम शंकर को केवल पुलिस मुखबिरी नहीं आसपास गांव के लोगों को घमंडी के तौर पर धमकी देने का काम भी कर रहा था जानवर शिकार के नाम से जंगली पहाड़ों में कई बार घूम घूमकर हमारा रेकी भी किया करता था। 26 नवंबर 2021को गौरारम तुमिरगुट्टा के जंगल में डीआरजी के जवानों ने हमारे ऊपर हमले में फोर्स को लाने में आगे रहा है।
हमारी पार्टी की ओर से कई बार सुधरने के लिए चेतावनी भी दी गई थी मगर नही सुधरा पैसे का लालची था। शंकर क्रांतिकारी माओवादी पार्टी व जनविरोधी बन कर काम करने के चलते इसके कामकाज के आधार पर अंत में मौत के घाट उतारना पड़ा ऐसे षड्यंत्र रचने मुखबिर करने वालो को जनअदालत के माध्यम से यही सजा मिलेगी।
माओवादियों ने लिखा है कि अंगमपल्ली गांव का यारम शंकर ही नहीं उनके साथ उनका पार्टनर वासम शंकर भी पुलिस मुखबिरी में जुटा हुआ है।