बीजापुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 13 मार्च। कैका में 11 मार्च को ईनामी नक्सली रितेश पुनेम को मार गिराने पुलिस के दावे का जेसीसीजे जिलाध्यक्ष विजय झाड़ी ने खंडन किया है। उन्होंने जारी विज्ञप्ति में कैका मुठभेड़ की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
किकलेर पहुंचे विजय झाड़ी ने जारी विज्ञप्ति में कहा है कि 11 मार्च को नैमेड़ थाना अंतर्गत ग्राम कैका-मोसला के मध्य मुठभेड़ में एक तीन लाख के ईनामी नक्सली रितेश पुनेम को मार गिराने का दावा जैसा पुलिस की तरफ से किया गया था, लेकिन घटना के संबंध में मीडिया में आई खबरें और परिजनों एवं प्रत्यक्षदर्शियों के कथनानुसार यह मुठभेड़ फर्जी प्रतीत हो रहा है। शनिवार को रितेश पुनेम का शव किकलेर स्थित उसके परिजन के घर लाया गया था। इस दौरान पुलिस की तरफ से कफन-दफन की तैयारी भी की गई थी। चूंकि आदिवासी समाज में शव के कफन-दफन को लेकर कुछ नियम, रीति रिवाज भी है, तो मेरा मानना है कि पुलिस की तरफ से शव दफन को लेकर इस तरह की जल्दबाजी उचित नहीं थी।
रही बात मुठभेड़ की तो प्रत्यक्षदर्शियों एवं परिजनों से मेरी चर्चा भी हुई, जिसमें उनका कहना था कि रितेश नक्सल संगठन से अवश्य जुड़ा था, लेकिन बीते डेढ़ साल से वह अपने गांव आकर अपने मामा-मामी के साथ रह रहा था। वह संगठन छोड़ चुका था और खेती-बाड़ी कर अपना गुजारा कर रहा था। ऐेसे में एक निहत्थे आदिवासी को पकडक़र गोली मारने के आरोप, जिस तरह से परिजन और कुछ प्रत्यक्षदर्शी लगा रहे हैं, कहीं न कहीं पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल उठते हैं, इसलिए आदिवासी हितों को ध्यान में रखते हुए जनता कांग्रेस प्रदेश की सरकार, न्याय व्यवस्था से मांग करती है कि कैका मुठभेड़ की निष्पक्ष जांच हो, जिससे सच्चाई जनता के सामने आ सके।
अगर पुनेम के साथ अन्याय हुआ हो तो न्याय व्यवस्था उसके साथ न्याय करें। जल्द ही जनता कांग्रेस उच्च स्तर पर इस मांग को रखेगी, ताकि बस्तर में आए दिन फर्जी मुठभेड़ों की घटनाओं पर अंकुश लग सके।