बीजापुर
सडक़ पर नक्सलियों ने फेंके पर्चे
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
भोपालपटनम, 22 फरवरी। नक्सलियों द्वारा बीती रात भोपालपटनम-मट्टीमारका मार्ग के ग्राम पंचायत उल्लूर के बीच पर्चे फेंके गए। पर्चों में पुलिस के जवानों से अपील करते हुए लिखा गया है कि केन्द्र राज्य सरकार द्वारा मु_ी भर विदेशी व दलाल पूंजीपतियों के फायदे व सुरक्षा के लिए बस्तर को सैनिक शिविर बनाया गया। कारपोरेट सुरक्षा को मजबूत व विस्तार किया जा रहा है।
कैम्पों की तैनाती के विरोध में हजारों तादाद में जनता आंदोलन कर रहे हैं। इससे आप समझ सकते हैं कि किसकी सेवा सुरक्षा के लिए आप इस्तेमाल हो रहे हो और किसके विरोध में काम कर रहे हैं। शांति सुरक्षा के नाम से सरकारे आप लोगों के द्वारा जनता पर हमले करवा रहे हैं। देश में आर्थिक महामंदी के कारण बेरोजगारी का समस्या विकराल रुप ले लिया है। सिर्फ पुलिस विभाग छोडक़र बाकी सभी विभागों में नया नियुक्ति बंद कर दिया। पुलिस भर्ती के लिए जरुरत रही। योग्यताएँ ताक पर रखकर गाँव से जानवरों का शिकार करने में माहिर युवाओं को ही भर्ती करने पर जोर दे रही है। आप लोगों में से कुछ लोग उच्च स्तरीय योग्यता रहने के बाद भी पुलिस विभाग में भर्ती होना पड़ रहा है, जिससे मानसिक तनाव और हताशा होता है।
आप अपना पेट पालने के लिए मजबूरी में शोषक वर्गों के लिए काम कर रहे हैं। यहाँ पर प्राकृतिक संसाधनों को लुटने के लिए शोषक वर्ग एक हथियार के रूप में आपको इस्तेमाल कर रहे हैं। आप पर भी शोषण, दबाव व प्रताडऩा जारी है। आप पर दबाव डालते हुए अपने ही किसानों, मजदूरो, छात्रों और भाई- बहनों पर हमले करवा रही है।
अपने परिवार से दूर रहते हुए अंजान इलाके के लोगों का जबरदस्त विरोध झेलते हुए, आला अधिकारियों की प्रताडऩा का शिकार होते हुए मानसिक तनाव में रहने की संभावना बनी रहती है। इस कारण सुकमा जिले के मरईगुड़ा सीआरपीएफ बेस केम्प में हुई दर्दनाक घटना जैसे घटनाओं का सिलसिला जारी है। आप आत्महत्याएं व आपस में हत्याएं करना छोडक़र अपने बंदुको को आला अधिकारियों पर ताने. पुलिस विभाग में रहते हुए जन विरोधी कामों को मत करो. यथा संभव नौकरी छोड़ दो।
कारपोरेट का विरोध करो, किसान, मजदूर, छात्र आदिवासी महिलाओं ने अपने अधिकारों के लिए संघर्ष तेज किया है। जनविरोधी नीतियों पर प्रश्न उठाने वाले को देशद्रोही के रूप में चित्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।
आप अधिकारियों के दबाव में गुलाम जैसा ना रहते हुए अपने अधिकारो के लिए संघर्ष किजिए। जल- जंगल- जमीन का अस्तित्व, अस्मिता अधिकारो के लिए संघर्ष कर रहे, जनता के पक्ष में रहिये। आपसी हत्या नहीं, समस्याओं के जिम्मेदार दलाल सरकार, आला अधिकारियों पर अपनी बंदूक ताने। उक्त बाते दक्षिण सब जोनल ब्यूरो भारत की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा फेके गए पर्चे में उल्लेख है।


