बीजापुर

आदिवासियों का हो रहा हनन... हाइवे पर फेंके नक्सल पर्चे
17-Feb-2022 3:58 PM
आदिवासियों का हो रहा हनन... हाइवे पर फेंके नक्सल पर्चे

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
भोपालपटनम, 17 फरवरी। 
एनएच 63 पर नक्सलियों द्वारा पर्चे फेंके गए हैं। इन पर्चों में केंद्र-राज्य शासन व प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि बस्तर के आदिवासी  भोली भाली जनता को गुमराह किया जा रहा है, बस्तर नवयुवक- युवतियों को अच्छे नौकरी का लालच देकर सुरक्षा विभाग में भर्ती किया जा रहा है।

साथ केन्द्र व राज्य शासन बस्तर के प्राकृतिक संसाधनों जैसे जल-जंगल-जमीन व खनिज सम्पदा देश के उद्योगपतियों के हाथों सौप रहे हैं। एक ओर मोदी सरकार, दूसरे ओर भूपेश सरकार सत्ता में आने से पहले जनता को झूठे वादे कर गुमराह किया गया। साम्राज्यवादियों द्वारा उनके लाभ के लिए शुरू की गई, कोरोना महामारी का बहाना कर सभी शैक्षणिक संस्थान को बंद कर आदिवासी युवक युवतियों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है, जिससे बेरोजगारी बढ़ रही है। मेहनतकश किसान समस्या से जूझ रहे हैं, लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
 

नक्सलियों ने आरोप लगाया है कि क्या बड़े बड़े नेता और मंत्री व उद्योगपति के संतान पुलिस बन रहे हैं।  केन्द्र- राज्य सरकार के नेतृत्व में पुलिस प्रशासन द्वारा अनेक प्रकार का लालच दिखाते हुए जनविरोधी पुनरावास नीति आत्मसमर्पण प्रचार अभियान को जोर से चला रही है। इस एलआईसी पालिसी नीति को मजबूती से अपनाते हुए हमारे आदिवासी बहुल इलाकों के बेगुनाह ग्रामीणों को माओवादी होने का झूठे बात करते हुए गिरफ्तार कर जबरन तौर पर आत्मसमर्पण करवा रहे हैं। आत्म समर्पित हुए पूर्व माओवादी यह कहते हैं कि माओवादी विकास विरोधी है, लेकिन हमारे क्रांतिकारी माओवादी पार्टी, हमारे आदिवासी जनता के लिए विकास विरोधी नहीं है। इस प्रकार के अनेक आरोप माओवादियों द्वारा शासन प्रशासन लगाया गया है। यह पर्चा भाकपा (माओवादी) मद्देड़ एरिया कमेटी द्वारा जारी किया गया।

जारी प्रपत्र में लिखा है कि पुलिस विभाग के आला अधिकारियों द्वारा चलाए जा रहे ( आत्मसमर्पण) नीति का विरोध करे, हमारी पार्टी से राजनीतिक पतन होकर पुलिस के सामने सरेंडर हुए गद्धारों ने हिन्दी व कोया भाषाओं से पोस्टर, पर्चा छपाकर गांव, गलियों तक प्रचार करने का योजना का निंदा करे, सरकार के सरेंडर पालिसी में शिकार होकर आत्मसमर्पण नहीं, जबकि क्रांतिकारी माओवादी पार्टी के मार्गदर्शन में हम सब एक होकर जल, जंगल, जमीन, अस्तित्व, अस्मिता, आत्मसमर्पण के लिए लुटेरे वर्गों के खिलाफ संघर्ष करे, बंदूक व पद के साथ सरेंडर होने पर ईनाम राशि घर देने की जन विरोधी वादा दिखा रही है, पर झूठा है, शासन, पुलिस प्रशासन के सामने सरेंडर होना गुलाम जिंदगी है,  निर्दोश ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेजना, हत्या करना बंद करे, समाधान, प्रहार, हमला बंद करे,  इलमिड़ी थाना में हेलीपैड व मिनकापल्ली कैम्प को तत्काल रद्द करे।


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