बेमेतरा

जल संकट एक दिन की समस्या नहीं, इसे हल करने प्रयास जरूरी-अग्रवाल
13-Jun-2025 3:46 PM
जल संकट एक दिन की समस्या नहीं,  इसे हल करने प्रयास जरूरी-अग्रवाल

जल शक्ति केंद्र में अंतर विभागीय समीक्षा बैठक

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 13 जून। भारत सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के निदेशक अमित कुमार अग्रवाल तीन दिवसीय दौरे पर बेमेतरा पहुंचे। उनके साथ जल शक्ति अभियान से जुड़े वैज्ञानिक सर्वोदय बारीक भी उपस्थित रहे। दौरे के पहले दिन अग्रवाल ने जल शक्ति अभियान के अंतर्गत जिला जल शक्ति केंद्र में अंतरविभागीय समीक्षा बैठक ली। बैठक का शुभारंभ जिला पंचायत के मुय कार्यपालन अधिकारी टेकचंद्र अग्रवाल के स्वागत भाषण से हुआ। विभिन्न विभागों ने जल संरक्षण एवं भूजल स्तर सुधार के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी गई।

जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता चंद्रशेखर शिवहरे ने छोटे-बड़े जलाशयों, चेक डैम, कुओं और अन्य संरचनाओं की विस्तृत जानकारी दी।लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के जे गौड़ ने शुद्ध पेयजल और वर्षा जल संचयन कार्यों की जानकारी साझा की। नगर पालिका अधिकारी ने बताया कि नये प्राइवेट निर्माणों में वर्षा जल संचयन प्रणाली अनिवार्य की जा रही है। कृषि उप संचालक मोरध्वज डड़सेना ने बताया कि पिछले वर्ष औसत से कम वर्षा हुई, जिससे जल संकट उत्पन्न हुआ है। किसानों को कम पानी वाली फसलें जैसे गेहूं, चना, दलहन-तिलहन अपनाने प्रेरित किया गया है। संचालक अमित कुमार अग्रवाल ने कहा कि जल संकट एक दिन की समस्या नहीं हैऽ, इसे हल करने सतत प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि जन सहभागिता ही समाधान है। अधिक से अधिक लोगों को जोड़ें, जागरूकता अभियान चलाएं।

हर शासकीय कार्यालय, पंचायत भवन व आवासीय निर्माणों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अनिवार्य किया जाए। पौधारोपण एक आवश्यक पूरक है। उन्होंने कहा कि किसानों को माइक्रो-इरिगेशन प्रणाली अपनाने व जल प्रबंधन में प्रशिक्षित करें। श्री अग्रवाल ने विद्यालयों, कॉलेजों, संस्थाओं में जल जागरूकता कार्यक्रम चलाने पर बल दिया। प्रचार अभियान की जानकारी देते हुए श्री डड़सेना ने बताया कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत प्रचार रथों के माध्यम से जिले के सभी चार विकासखण्डों की 78 ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण जागरूकता फैलाई जा रही है। अंत में अग्रवाल ने कहा कि यह अभियान कागजों तक सीमित न रहे, इसे हर नागरिक की जीवनशैली का हिस्सा बनाएं। तभी हम आने वाली पीढिय़ों को जल संकट से बचा सकेंगे। जल है तो कल है।


अन्य पोस्ट