बेमेतरा

सोयाबीन व अरहर के बीज नहीं, कई जगह धान की भी कमी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 15 मई। जिले में किसानों को डीएपी संकट के साथ-साथ बीज संकट का भी सामना करना पड़ रहा है। जिले में मांग होने के बाद भी अरहर व सोयाबीन के बीज किसानों के लिए 102 समितियों में सीजन प्रारंभ होने के 50 दिन बाद भी नहीं पहुंचे हैं। धान की सप्लाई मांग के विपरीत आधी ही हुई है। समितियों के पास अब धान बीज की कमी होने लगी है।
बताना होगा कि किसान खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए हैं। फसल के पूर्व भंडारण व खेत तैयार करने में व्यस्त किसानों को इन दिनों बीज की कमी का सामना करना पड़ रहा है। सप्ताह भर पूर्व किसानों के लिए समितियों में धान के तीनों किस्म महामाया, स्वर्णा और राजेश्वरी के 11634 टन बीज का स्टॉक था, जिसमें से 5669 टन का वितरण किया जा चुका है। इसके बाद समितियों में 5970 क्विंटल धान का स्टॉक बचा हुआ है। जिले की 102 समितियों में से 80 समितियों के पास धान का स्टॉक है। वहीं 10 समितियों में 10-20 क्विंटल का स्टॉक है। जिले के कोहका, बोरतरा, कन्हेरा, बीजा घोटवानी, पदुमसरा, बेलतरा, बनरांका, दर्री, खैरझिटी, खाती, देवरबीजा में धान का स्टॉक जीरो हो चुका है। इन समितियों में किसानों को देने के लिए डीएपी, धान बीज व अन्य बीज ही नहीं हैं। समितियों से जुंडे संबंधित गांवों के किसान बार-बार समितियों में आकर धान बीज की मांग करते-करते परेशान हो गए हैं।
ले चुके 9406 लाख का कर्ज, जिसमें 1049 लाख के खाद
जिले के 24 सहकारी बैंक शाखा से जुड़े 19517 किसानों के द्वारा खरीफ सीजन की तैयारी के लिए कर्ज लिया जा चुका है। जिले के 24 बैंकों में 8356.57 लाख नकद एवं 1049 लाख वस्तु यानी खाद-बीज समेत कुल 9406.17 लाख का कर्ज लिया जा चुका है। इस बार बैंकों के द्वारा 48839.57 लाख रुपए का कर्ज किसानों को देने का लक्ष्य तय हुआ है।
मिला आधा स्टॉक, समस्या
जिले की 102 सहकारी समितियों में 15195.20 क्विंटल स्वर्णा धान, 7030 क्विंटल महामाया एवं 100 क्विंटल राजेश्वरी धान समेत 22325 क्विंटल धान बीज की मांग प्रस्तुत की गई थी, जिसमें से 1 अप्रैल से 14 मई तक 50 दिन में 11634.40 क्विंटल धान बीज की आपूर्ति हुई है। प्राप्त बीज में से 5669 क्विंटल का वितरण हो चुका है।
पूर्व सत्र की सूची से को दो आउट-अरहर इन
पूर्व सत्र 2024 के दौरान समितियों के माध्यम से किसानों को धान, सोयाबीन व कोदा के बीज उपलब्ध कराए गए थे। तब जिले की समितियों में किसानों को पूर्व सत्र के दौरान सोयाबीन बीज के एक दाना तक की सप्लाई नहीं की गई थी। वहीं कोदो को सूचीबद्ध करते हुए केवल 3.12 क्विंटल बीज उपलब्ध कराया गया था। जिले की 102 समितियों में सबसे अधिक 19473 क्विंटल धान बीज का वितरण किया गया था। इस बार 2025 में धान के 5900 क्विंटल से अधिक बीज का वितरण किया जा चुका है। वहीं सोयाबीन की सप्लाई ही नहीं हुई है। कोदो को हटाकर किसानों को अरहर उपलब्ध कराया जाना है पर इसकी भी केन्द्र से आपूर्ति जीरो है। इस स्थिति में किसानों ने सरकार से जल्द से जल्द खाद व बीजों के उचित भंडारण की मांग की है। ताकि उन्हें समय पर खाद-बीज उपलब्ध हो जाएं। वर्तमान में बनी किल्लत पर किसानों ने कहा कि पहले उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।
परेशान हो चुके हैं हम बार-बार समिति के चक्कर लगाकर
जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम खाती के समिति में इन दिनों डीएपी खाद नहीं है। धान, सोयाबीन व अरहर बीज का भी स्टॉक नहीं है। समिति से जुड़े किसान लखन साहू, बद्री साहू, संजय, शंभू, द्वारिका व विनोद ने बताया कि खाद बीज लेने के लिए हम लोग कई बार समिति में जाते हैं पर स्टॉक नहीं होने की बात कही जाती है। इस बार सरकार ने खाद का दाम बढ़ाया है, जिसके बावजूद सप्लाई नहीं की जा रही है। इस तरह की स्थिति की वजह से किसानी प्रभावित हो रही है।