बेमेतरा

अंधड़-बारिश ने मचाई तबाही, पेड़ -खंभे गिरे
02-May-2025 3:02 PM
अंधड़-बारिश ने मचाई तबाही, पेड़ -खंभे गिरे

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 2 मई।
जिला मुख्यालय समेत पूरे जिले में दोपहर 3 बजे के बाद आंधी और ओलावृष्टि के कारण भारी नुकसान हुआ। जिला मुख्यालय में 40 से अधिक पेड़ गिर गए। वहीं अलग-अलग स्थानों पर 10 विद्युत पोल टूटे हैं। नगर के कबीर कुटी के सामने व गश्ती चौक के पास यूनिपोल टूट गया। दोपहर में आई आंधी से जन जीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया। 
शहर में दोपहर तीन बजे के बाद से बिजली गुल हो गई, शहर अंधेरे में डूबा रहा। विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने बताया कि नगर के ज्यादातर हिस्सों में बिजली तार टूटे हैं। वहीं विद्युत पोल भी उखड़ गया है। सबसे अधिक नुकसान सिंघोरी क्षेत्र में हुआ है। नया बस स्टैंड के पास एक पेड़ बिजली तार पर गिर गया, जिससे इलाके में बिजली की सप्लाई बंद कर दी गई। दूसरी तरफ नेशनल हाइवे में कबीर कुटी के पास भारी होर्डिंग के गिरने के साथ स्ट्रीट लाइट भी धराशायी हो गई। फ्लेक्स आसपास के खंभों में जाकर चिपक गए। वहीं मौसम ने थानखम्हरिया क्षेत्र में भारी तबाही मचाई। क्षेत्र के बरगा, चुहका, चीचगांव, करमू, ग्वारा, दर्री, गातापार, कोपेडबरी, अचवा आदि को प्रभावित रहे। तेज हवाओं से कई घरों की छतें उड़ गईं। पेड़ और बिजली के खंभे गिर गए, जिससे विद्युत आपूर्ति ठप हो गई।

दूसरी बार कहर बना तूफान, बरगा में सबसे अधिक नुकसान 
बरगा गांव तूफान की मार से सबसे अधिक प्रभावित रहा। यहां तेज हवाओं के चलते बड़े-बड़े पेड़ धराशायी हो गए, जिससे कई घरों को नुकसान पहुंचा। पुन्नी साहू के मकान पर गिरा विशाल नीम का पेड़ उनकी छत को पूरी तरह चकनाचूर कर गया। वहीं राकेश अंगिरा, सेवाराम साहू और गणेश साहू के घरों के टीन शेड तूफान में उड़ गए, जिससे उनके घरों में बारिश और धूल-मिट्टी घुस गई। राजकुमार का वाहन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया, जबकि शिवदयाल निर्मलकर के आंगन में रखे गोबर के सैकड़ों कंडे हवा में उड़ गए, जिससे उन्हें आर्थिक क्षति उठानी पड़ी।

आम और खार के पेड़ गिरे 
बरगा और चीचगांव के बीच स्थित बगीचों में लगे आम के दर्जनों पेड़ धराशायी हो गए। खार के पेड़ भी तेज हवाओं की चपेट में आकर टूट गए, जिससे ग्रामीणों की मौसमी आमदनी पर भी असर पड़ा है।

 

 

बिजली बंद, नहीं मिला एक टाइम का पानी
मौसम की वजह से बिजली बंद होने के कारण नलों में पानी नहीं आया, जिसकी वजह से हजारों लोग प्रभावित रहे। विजिट सप्लाई बंद कर दी गई थी। बिजली बंद होने के कारण नगर के हजारों घर के नलों में दूसरे पाली का पानी नहीं पहुंचा। वहीं पानी टैंकरों में भी पानी नहीं होने की वजह से सप्लाई नहीं की जा सकी।

ग्रामीण अंचलों में भी जनजीवन अस्त-व्यस्त 
तेज रफ्तार हवाओं के साथ आई इस आपदा ने थानखम्हरिया क्षेत्र के चीचगांव, चुहका, गडुवा, सोनचिरैया, हांटरांका, तोरन, करमू, खैरझिटी और बरगा जैसे गांवों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। आंधी से जहां एक ओर दर्जनों घरों के छत की खपरे व टीन शेड उड़ गए। वहीं दूसरी ओर बिजली व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई। 
ग्रामीणों का कहना है कि 18 अप्रैल के बाद यह दूसरा तूफान है लेकिन इस बार की तबाही कहीं अधिक भयावह रही।


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