बेमेतरा
800 ग्रामीण व मात्र 2 पावर पम्प, टैंकर से सप्लाई नहीं
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 28 अप्रैल। पेयजल के महासंकट का सामना कर रहे ग्राम पंचायत मुख्यालय आंदू एवं आश्रित ग्राम घठोली के ग्रामीणों को पेयजल व निस्तारी के लिए ग्राम पुरान से पानी लाना पड़ रहा है। ग्राम घठोली में तालाब सूखने की वजह से जानवरों के लिए भी पानी नहीं है। वहीं आदू के मुख्य तालाब में केवल 30 फीसदी जलभराव है, जिससे ग्रामीण जैसे तैसे गुजारा कर रहे हैं। ग्राम पंचायत मुख्यालय के रहवासियों की निर्भरता एकमात्र कुएं से है, जिसमें पानी भरने के लिए दिनभर ग्रामीण पहुंचते हैं।
बताना होगा कि खारा पानी की समस्या से दशकों से सामना आंदू व घठोली के ग्रामीण करते आ रहे हंै। इस बार ग्रामीणों को दोहरी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि आंदू में 800 से अधिक रहवासी हैं जिनके लिए लगाए गए सरकारी पॉवर पंप में से केवल दो पंप चल रहे हैं। वहीं कुछ निजी पॉवर पंप चालू हैं। भीषण गर्मी के समय में दो पॉवर पंप से गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। गांव के तालाब में बने कुएं से ही पूरे गांव के लोगों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था हो पाती है। कई लोगों को बेमेतरा से पाउच वाला पानी चाय बनाने व दाल गलाने के लिए लाना पड़ता है। सुबह से ग्रामीण गांव से दूर ग्राम पुरान जाकर पानी लाने जाते हैं। गांव में सडक़ किनारे निस्तारी तालाब में 30 फीसदी ही जलभराव है। तालाब का पानी तेज रफ्तार से सूख रहा है। तालाब का पानी सूखने के बाद कुएं का पानी सूखने की आशंका है।
कुएं में पानी भरने वाली महिलाओं में से परेटन बाई यादव, मनटोरिया यादव व बालिका नीत यादव ने बताया कि इस तालाब में लोग रात में भी पानी भरने आते हैं। गांव पूरी तरह से खारा पानी की समस्या से प्रभावित है, जिसकी वजह से अमोरा से मीठा पानी की सप्लाई हो रही थी पर बीते 20 दिनों से आपूर्ति नहीं हो रही है।
पूर्व सरपंच संजय जोशी ने बताया कि जलसंकट को दूर करने को लेकर पीएचई व जिला प्रशासन की गंभीरता नजर नहीं आ रही है। राजा जोशी ने बताया कि गांव में इस तरह की स्थिति पेयजल सप्लाई बंद होने से हुई है।
12 किमी दूर तक जाते हैं तब जाकर होती है व्यवस्था
मीठा पानी की सप्लाई बंद होने से गांवों में पेयजल के लिए जद्दोजहद बढ़ गई है। हालत ये है कि बालसमुंद, बिटकुली, बिरमपुर, आंदू, खुड़मुड़ी, नवागांव, झिरिया समेत अन्य गांवों को पानी के लिए ग्राम पुरान जाना पड़ता है। तब कहीं जाकर काम चल पा रहा है। पुरान जाने के लिए गांव के लोगों को 6 से 12 किलोमीटर चलना पड़ता है। प्रभावित गांवों का जलस्तर गिर जाने की वजह से पॉवर पंप भी जवाब दे चुके हैं।
घठोली को मीठा पानी योजना से दूर रखा, अब पुरान से लाते हैं पानी
ग्राम घठोली के किशन ने बताया कि गांव का निस्तारी तालाब सूख चुका है, जिससे निस्तारी की समस्या है। सुबह से ग्रामीणों को पानी के लिए साधन करके ग्राम पुरान जाना पड़ता है। हालत ये है कि गांव के लोगों को गुजारा करने के लिए बेेमेतरा से पाऊच वाला पानी लाना पड़ रहा है। गांव के लोगों के अनुसार बीते कई दशक से वो मीठा पानी के लिए योजना लाने की मांग करते आ रहे हैं। उनकी न तो सरकार सुन रही है ना ही जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे हैं। पूरे जिले में खारा पानी से प्रभावित गांवों के लिए योजना है, जहां पर शिवनाथ नदी से फिल्टर पानी की सप्लाई होती है पर इस गांव को इस योजना का लाभ नहीं मिला है जबकि पूरा गांव खारा पानी से प्रभावित है।
शहर में पानी टैंकर की सुविधा, गांवों मेें नहीं
बताना होगा कि जिला मुख्यालय समेत जिले के सभी निकायों में पेयजल संकट की स्थिति में निकायों के पास अपना पानी टैंकर है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में पानी टैंकर नहीं है। जरूरत पडऩे पर लोगों को स्वयं के साधन से पानी लाना पड़ रहा है।
बेमेतरा नगर के कोबिया जोन का 870 किलोलीटर क्षमता वाले एमबीआर की सप्लाई बंद होने से बालसमुंद रोड में आने वाले बावा मोहतरा, नवागांव, खुड़मुड़ी, ढारा, पेंडी, सोनपुरी, आंदू, बिरमपुर, करंजिया, तुमा, उसलापुर, जोगीपुर व खैरी में पानी टैंकर की कमी या नहीं होना भारी पड़ रहा है। बहरहाल पेयजल संकट की स्थिति से ग्रामीणों की परेशानियां बढ़ गई हैं।


