बेमेतरा
अरहर मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, चना, मसूर व सरसों उत्पादक नहीं ले रहे रूचि
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 6 अप्रैल। ओन्हारी जिला के तौर पर पहचाने जाने वाले बेमेतरा जिला में रबी फसल सीजन के दौरान प्राईस सपोर्ट स्कीम सें अरहर मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, चना, मसूर व सरसों फसल की खरीदी के लिए सरकार ने पहल की है। इसके बाद भी जिले के 9 खरीदी केंद्रों मेें इन उपजों की खरीदी की बोहनी तक नहीं हुई है।
एक मार्च से प्रांरभ हुए 9 तरह के उपज को बेचने के लिए किसानों ने पंजीयन कराया है, लेकिन किसान बेचने के लिए खरीदी केन्द्र नहीं पहुंचे हैं। एक माह तीन से खरीदी केन्द्रों में किसानों का केवल इंतजार किया जा रहा है।
प्रदेश सरकार ने 20 जनवरी को खरीफ फसल सीजन में धान खरीदी के तर्ज पर रबी फसल सीजन में चिन्हित किए गए अरहर मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन, चना, मसूर व सरसो की खरीदी समर्थन मूल्य पर प्रदेशभर में 1 मार्च खरीदी शुरू करने की घोषणा की थी। योजना के सामने आते ही जिला के 2180 किसानो ने कुल 2 लाख 53 हजार 8़28 हेक्टेयर रकबा का फसल बेचने के लिए पंजीयन कराया है। जिला के पंजीयन कराने वाले किसानों को बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लाक के 9 खरीदी केन्द्र में जाकर उपज बेचना था। जिला के प्राथमिक सेवा सहकारी समिति दाढ़ी के साथ खंडसरा, नवागढ़, थानखहरिया, ठेलका, साजा, परपोड़ी देवरबीजा व बेरला में किसानों को अरहर, चना, उडद व अन्य चिन्हित फसल बेचना था।
अरहर, मूंग, उड़द, मूंगफली, सोयाबीन तथा रबी फसल 2025 -26 की फसल सरसों का उपार्जन 15 फरवरी से 15 मार्च तक और रबी फसल 2025 -26 की फसल चना, मसूर का उपार्जन 1 मार्च से 30 मई तक किया जाना है। इस आदेश के बाद जिले के चिन्हित 9 खरीदी केन्द्रों में प्रचार-प्रसार व बैनर पोस्टर लगाने के साथ आवश्यक संसाधन जुटाकर किसानों के आने का इंतजार 50 दिनो सें किया जा रहा है लेकिन आज तक किसान चिन्हित फसल बेचना तो दूर देखने के लिए केंद्रों में तक नहीं पहुंच रहे हैं।
अब तक केवल खर्च हुए, आवक नहीं
जिले के सभी 9 खरीदी केंद्रों में आईटी एवं नॉन आईटी अधोसंरचना उपलब्ध कराया गया गया है। केन्द्रों में उपज खरीदी के लिए बकायदा कंप्यूटर, प्रिटंर, यूपीएस, मोबाईल, टेंबलेंट, इंटरनेंट कनेक्शन फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक तौल कांटा, माइश्चर मीटर, कर्मचारी, डांटा इंट्री आपरेटर, गुणवत्ता परीक्षक, अर्धकुशल और कुशल श्रमिकों की व्यवस्था की गई है। इनके साथ हाई स्पीड इंटरनेशनल कनेक्शन, बिजली सप्लाई व जनरेटर के साथ चिन्हित किए गए सात बिन्दुओं का पालन करते हुए खरीदी केन्द्र में व्यवस्था की गई है।
शासकीय दर बाजार से अधिक, फिर भी नहीं आ रहे किसान
कास्तकारी सूत्रों के अनुसार उपज के लिए मात्रा व दर का भी निर्धारण किया गया है। जिसके अनुसार खरीफ विपणन सत्र के लिए अरहर, मूंग, उड़द तीन -तीन क्विंटल प्रति एकड़ व मूंगफली 7 क्विंटल प्रति एकड़, सोयाबीन 5 क्विंटल प्रति एकड़ है। वहीं रबी फसल सीजन 2025 -26 के लिए चना 6 क्विंटल प्रति एकड़, मसूर 2 क्विंटल प्रति एकड़, सरसों 5 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से मात्रा निर्धारित की गई है।
इसमें अरहर 7550 प्रति क्विंटल, मूंग 8682 प्रति क्विंटल, उड़द 7400 प्रति क्विंटल, मूंगफली 6783 प्रति क्विंटल, सोयाबीन 4892 प्रति क्विंटल, चना 5440 प्रति क्विंटल, मसुर 6425 प्रति क्विंटल व सरसों 5650 रूपया के दर से खरीदा जाना तय हुआ है। वर्तमान बाजार भाव के मुकाबले में सरकारी दर अधिक होने के बाद भी किसान बाजार का भाव बढऩे का इंतजार कर रहे हैं। बाजार में चना 5 हजार, अरहर 7 हजार, मूंग व उड़द 6 हजार, सरसो 4 हजार के दर पर खरीदा जा रहा है। आमतौर पर किसान भाव बढऩे का इंतजार कर रहे हैं। बाजार का दर बढऩे के बाद ही किसान उपज बाजार में बेंचेगें, नहीं तो केन्द्रो में जाकर बेचेंगे। किसान भगवानी वर्मा ने बताया कि किसान भाव आने का इंतजार कर रहे हैं। धान की तरह ओन्हारी फसलों को जल्दी नहीं, बल्कि इंतजार करने के बाद बेचा जाता है।
किसानों का इंतजार
उपसंचालक कृषि मोरध्वज डड़सेना ने बताया कि जिले में रबी फसल के उर्पाजन केन्द्रों में इस बार उपज बेचने के लिए किसान सामने नहीं आए हैं, जबकि केन्द्रों में किसान के आने का इंतजार किया जा रहा ह्रै।
जिले में रबी फसल सीजन में रकबा का डाटा
चना — 500620 हेक्टेयर,
मसूर का रकबा — 34700 हेक्टेयर
दलहन का रकबा — 83 हजार हेक्टेयर,
तिलहन का रकबा — 1202 हेक्टेयर
पंजीकृत किसान — 21180
पंजीकृत रकबा — 25583.28 हेक्टेयर


