बेमेतरा

171 जोड़ों की शादी, 35 हजार का चेक, प्रमाण-पत्र भी मिला
30-Mar-2025 3:11 PM
171 जोड़ों की शादी, 35 हजार का  चेक, प्रमाण-पत्र भी मिला

डिप्टी सीएम साव ने बाल विवाह रोकने के लिए नवविवाहित जोड़ों व उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
बेमेतरा, 30 मार्च।
जिला मुख्यालय के स्टेडियम में शनिवार को 171 जोड़ों ने सात फेरे लेकर एक-दूसरे के साथ नए जीवन की शुरुआत की। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने बाल विवाह रोकने के लिए नवविवाहित जोड़ों व उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई। 

सभी को निर्धारित 35-35 हजार रुपए का चेक प्रदान किया गया। इसके साथ ही उपहार भी दिया गया। मंडप में पहुंचने से पहले टॉउन हॉल से 171 दूल्हों की एक साथ बारात निकली, जो स्टेडियम पहुंची, जिसका वधु पक्ष ने अभिनंदन किया।

जिला मुख्यालय के कंतेली इंडोर स्टेडियम में सामूहिक विवाह संपन्न हुआ, जिसमें सबसे पहले पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ बारात निकाली गई। बारात टॉउन हॉल से रवाना होकर इंडोर स्टेडियम पहुंची, जहां पर वर-वधू के सभी जोड़े एक ही मंडप में विवाह के पवित्र बंधन में बंधे। विवाह संस्कार विधिवत गायत्री परिवार के आचार्य द्वारा कराया गया। कलेक्टर रणबीर शर्मा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रामकृष्ण साहू ने अतिथियों का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया। कलेक्टर ने स्वागत भाषण में छत्तीसगढ़ के विवाह संबंधी रीति-रिवाज बताए।

342 परिवारों के भी संबंध बने 
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मुयमंत्री कन्या विवाह योजना की शुरुआत का काम किया। आज गरीब परिवार की 171 बेटियों का कंतेली स्टेडियम में विवाह हो रहा है। स्टेडियम और उपस्थितजन प्रमाण हैं। 342 परिवार आज एक हो रहे हैं। उन्होंने सभी मेहमानों को भी बहुत बधाई दी। साथ ही जिला प्रशासन व महिला बाल विकास विभाग की टीम को भव्य आयोजन के लिए धन्यवाद दिया।

सपका सपना होता है बेटी के हाथ पीले करना
उप मुख्यमंत्री साव ने कहा कि हर आदमी का सपना होता है कि उसका स्वास्थ्य अच्छा हो, एक मकान हो और बेटियों की अच्छी शादी हो। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने जनता के स्वास्थ्य के लिए 5 लाख रुपए तक मुत इलाज और प्रधानमंत्री आवास योजना बनाकर यह सपना पूरा किया। वहीं मुयमंत्री विष्णुदेव साय ने मुयमंत्री कन्या विवाह योजना से बेटियों की शादी की भी चिंता दूर कर दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जनता की बेहतरी के लिए कई बेहतर योजनाएं बनाई है। जिनमें से एक है मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, जिसका फायदा राज्य के हर वर्ग के गरीब व्यक्ति को मिल रहा है।

भारतीय संस्कृति में विवाह महत्वपूर्ण 
दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल ने सभी वर-वधु को आशीर्वाद दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में विवाह महत्वपूर्ण संस्कार है। इसमें सिर्फ दो जोड़े ही एक बंधन में नहीं बंधते बल्कि विवाह के साथ दो परिवार का मिलन होता है और जिंदगी की नई शुरुआत होती है। बेमेतरा में आज का यह क्षण हम सबके लिए ऐतिहासिक है। यहां नवदंपतियों को उनके माता-पिता, अभिभावकों के साथ एक विशाल जन समूह आशीर्वाद देने के लिए उमड़ पड़ा है। 

हम सभी की प्रार्थना है कि अपनी जिंदगी की नई शुरुआत करने वाले यह नवदंपति, सदैव सुखी रहें और उनके परिवार हमेशा मजबूती के साथ जुड़े रहें। कार्यक्रम को विधायक दीपेश साहू और ईश्वर साहू ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष कल्पना योगेश तिवारी, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष विजय सिन्हा, जनपद पंचायत बेमेतरा अध्यक्ष हेमा दिवाकर, भाजपा जिला अध्यक्ष अजय साहू, ओमप्रकाश जोशी, राजेन्द्र शर्मा आदि उपस्थित थे।

15 हजार के सामान, 35 हजार के चेक दिए 
खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने वर-वधु को आशीर्वाद और अपनी शुभकामना दी। मंत्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित मुयमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत प्रत्येक नवविवाहित जोड़े को आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाती है। इसमें गृहस्थी शुरू करने के लिए सरकार हर जोड़े को विवाह सहायता के रूप में निश्चित राशि भी प्रदान करती है। पहले यह राशि 25 हजार रुपए थी, जिसे बढ़ाकर 50 हजार किया गया है। बता दें कि जोड़ों को 35 हजार रुपए का चेक और 15 हजार के सामान दिए गए।

नगर पालिका सीएमओ ने विवाह का जारी किया प्रमाण-पत्र 
विवाह संपन्न कराने के साथ-साथ जरूरी विवाह प्रमाण-पत्र जारी किया गया। दंपति के वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने के साथ ही नगर पालिका अधिकारी कोमल ठाकुर के द्वारा सभी को विवाह पंजीयन का प्रमाण-पत्र सौपा गया। बताया गया कि विवाह के बाद प्रमाण-पत्र के भटकना न पड़े इसलिए समय पर जारी किया गया है।

कई दंपती उपहार के लिए दोबारा विवाह की तैयारी कर रहे थे 
योजना के तहत प्राप्त होने वाली राशि को देखते हुए पूर्व में विवाह कर चुके कुछ दंपती एक बार फिर विवाह करने की तैयारी करते हुए कार्याकर्ताओं के माध्यम से साधने की तैयारी में थे। पूर्व में विवाह कर चुुके दंपतियों को समय पूर्व आयोजन से बाहर का रास्ता दिखाया गया।
 


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